मणिपुर से पीएम मोदी क्यों फेर रहे आंखे , मणिपुर में काले अध्याय का जिम्मेदार कौन?

एक तरफ देश के हजारों मुद्दे है , तो एक तरफ अकेले , मणिपुर है ..जहां , जिंदगियां खुद से ही जंग लड़ रही है ..और उनकी सुनने वाला कोई नहीं . सरकार तो जैसे मणिपुर को भूल चुकी है . .मणिपुर की धरती इन दिनों मानवता के सबसे काले अध्यायों में से एक को लिख रही है। जिरीबाम जिले में एक ही परिवार के छह निर्दोष सदस्यों की हत्या ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया है.... ऑटोप्सी रिपोर्ट ने ऐसे खुलासे किए है कि आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे . मासूम बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, किसी को भी क्रूरता में नहीं बख्शा गया.... गोली के निशान, शरीर पर गहरे जख्म, और सबसे दर्दनाक, आंखों का गायब होना - ये सब मिलकर एक ऐसी तस्वीर बनाते हैं जो मानवता को शर्मसार करती हैं..... यह सिर्फ एक हत्या नहीं थी, बल्कि एक क्रूरतापूर्ण अत्याचार था, जो मानवीय मूल्यों को पूरी तरह से तार-तार कर देता है..मगर अफसोस की सरकार को इससे क्या ...
बताया जा रहा है कि परिवार मेइती समुदाय से था और आरोप है कि कुकी उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर उनकी हत्या कर दी...मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई ऑटोप्सी के मुताबिक-
10 महीने के लैशराम लमंगनबा के शरीर पर काटने का घाव था, सिर अलग था और दोनों आंखें गायब थीं
आठ साल की तेलन थजंगनबी के शरीर पर कई गोलियों के निशान थे और पेट में गंभीर चोटें आई थीं
31 साल की तेलम थोईबी के सिर में गंभीर चोटें आई थीं, खोपड़ी की हड्डियां टूटी हुई थीं
देखा जाए तो ये घटना मणिपुर में जारी जातीय हिंसा का एक और गहरा जख्म है... मेइती और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव अब हिंसा के ऐसे भयानक रूप में सामने आ रहा है, जिसने पूरे राज्य को आग में झोंक दिया है.. सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं, हजारों बेघर हो चुके हैं..मगर सरकार है कि उसे तो चुनावों से फुरसत नहीं मिल रही है .. मणिपुर की इस हालत पर पीएम मोदी भी चुप है .. और इससे अफसोस जनक बात और क्या होगी .. देश के प्रधान ने ही देश के एक खूबसूरत इलाके को आग में जूझने के लिए छोड़ दिया है .
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