आर्थिक सलाहकार से लेकर प्रधानमंत्री तक...रोचक रहा मनमोहन सिंह का सियासी सफर

आर्थिक सुधारों के जनक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे...उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली...बताया जा रहा है कि 26 दिसंबर देर रात करीब 9 बजकर 51 मिनट पर पूर्व पीएम ने अंतिम सांस ली...मनमोहन सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे...वह ताउम्र बेहद शांत, सौम्य, विनम्र और सादगी भरे शख्सियत के तौर पर पहचाने जाते रहे...प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दस साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें तमाम आलोचनाओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कुछ ऐसे बोल्ड फैसले भी लिए, जिनके लिए उन्हें याद किया जाता रहेगा...भले ही आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन लोग उनसे जुड़ी घटनाओं और किस्सों को याद कर रहे हैं...
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में किए गए बड़े कामों की वजह से उन्हें आंकड़ों का जादूगर माना जाता था...डॉ. मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था का आधुनिक वास्तुकार माना जाता है, उन्होंने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम शुरू किए थे...इतना ही नहीं, 2008 में आर्थिक संकट के दौरान भारत को मंदी से बचाने के लिए मनमोहन जी ने काफी कुछ किया था...मनमोहन सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने RBI के गवर्नर के रूप में भी कार्य किया...वह 1982-1985 तक RBI के गवर्नर थे...21 जून 1991 से 6 मई 1996 तक पी.वी. नरसिंहराव के काल में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों के लिए भी उन्हें श्रेय दिया जाता है...इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव 2009 में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बने, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला था..उन्होंने अर्थव्यवस्था को उदार बनाने वाले कई क्रांतिकारी सुधारों की नींव रखी थी...नौकरशाही और राजनीति में उनका 5 दशक का लंबा करियर रहा था...जिसमें वो...
1971-वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए
1972-वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए
1980-1982: योजना आयोग के सदस्य रहे
1982-1985: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे
1985-1987: योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया
1987-1990: जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव रहे
1990-आर्थिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार नियुक्त हुए
1991-विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष नियुक्त हुए
1991-असम से पहली बार राज्यसभा सदस्य बने
1991-1996: पीवी नरसिम्हा राव सरकार के तहत वित्त मंत्री
1998-2004: राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे
2004-2014: भारत के प्रधानमंत्री रहे
देखा जाए तो साल 2004 से 2014 तक लगातार 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में लगातार मीडिया और विपक्ष के निशाने पर रहे...सरकार के मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और जनता में बेतहाशा आक्रोश के बीच उन्होंने प्रधानमंत्री की गद्दी छोड़ी थी...ईमानदार और 'शरीफ' व्यक्तित्व वाले मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक सुधारों का रचनाकार बताना लोगों के लिए आम बात है...मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक सुधार की नींव रखी, लेकिन उन्हें सिर्फ इससे ही नहीं पहचाना जाना चाहिए...मनमोहन सिंह को भारत को ग्लोबल पावर के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में भी पहचाना जाना चाहिए...
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