LANGUAGE

सूफी संतों की मजारों पर लगने वाले मेले आपसी एकता का एवं मेल मिलाप के प्रतीक होते

मसौली : बाराबंकी सूफ़ी संतो के आस्ताने पर पहुंचने से दिल को सुकून एव मन को शांति मिलती है सूफ़ी संतो की मजारों पर लगने वाले मेले आपसी एकता एव मेल मिलाप के प्रतीक होते हैं । पीर फकीरों की दुवाओं की बदौलत ही आज संसार चल रहा है। उक्त विचार आज कस्बा मसौली स्थित हजरत मस्तान शाह रह0 अलैह की याद में लगने वाले दो दिवसीय सलाना उर्स व मेले का उद्घाटन करने के पश्चात उपस्थित लोगों में जैदपुर विधायक गौरव कुमार रावत ने व्यक्त किये। विधायक गौरव रावत ने आगे कहा की मेलो के आयोजन में सभी लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि ऐसे आयोजनों में लोग एक दूसरे से मिलकर आपसी गिले शिकवे भुलाकर मिलते हैं और एकता का संदेश देते हैं। मेले में हलवा पराठे, मिठाई, बच्चों के खिलोने, बिसात खाने, झूले,आदि मेला की शोभा बढ़ा रहे हैं। बुधवार को दोपहर नमाज़ जौहर के बाद क़ुरान ख्वानी असर नमाज़ के बाद गुसुल का कार्यक्रम होगा। तथा रात्रि में कुल शरीफ पढ़ा जायेगा। उक्त अवसर पर मुख्य रूप से ब्लॉक अध्यक्ष अखिलेश यादव, विधायक प्रतिनिधि मोहम्मद रिजवान संजय, मेला कमेटी सदस्य मुहर्रम अली, फकीर अली अंसारी,मो हनीफ,ताजुद्दीन अंसारी, कुतुबुद्दीन अंसारी, अब्दुल समद, नवील अंसारी, कमालुद्दीन, फरीद खान, गुफरान अंसारी, हबीब आलम अंसारी, शादाब खान आदि लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्टर : सरवर अली

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.