मायावती की महारैली...बसपा सुप्रमीमों ने की विपक्ष की आलोचना

बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के मद्देनजर अपनी संगठनातमक मजबूती और दलित समुदाय के बीच अपने प्रभाव को दर्शानें के लिए महारैली की आयोजन किया। यह आयोजन पार्टी के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर लखनऊ स्थित कांशराम स्थल पर किया गया। इस महारैली में शामिल होने के लिए अलग-अलग राज्यों से कार्यकर्ता और पार्टी समर्थक लखनऊ पहुंचे। 

मंच से बसपा सुप्रीमों ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा बसपा की सरकार बनना बहुत जरूरी है। ईवीएम सिस्टम खत्म किया जा सकता है। राजनीति में किसी के देवी-देवताओं को शामिल नही करना चाहिए। आई लव मामले में राजनिती करना गलत है। दलित समुदाय के वोटो को बांटने का काम किया जा सकता है। 

सपा पर वार-

मायावती ने सपा की आलोचना करते हुए कहा कि सपा जब सत्ता में आती है तो न तो पीडिए याद आता है औऱ न ही उन्हें काशीराम याद आते है। इमरजेंसी के दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर को संसद नहीं पहुंचने दिया गया। संविधान को कुचला गया। बाबा साहेब को भारत रत्न नही दिया गया। पूर्ण आरक्षण मिलना अभी बाकी है। 

"आई लव मोहम्मद" विवाद-

मामला यूपी के कानपुर से शुरू हुआ, जहां "आई लव मोहम्मद" बैनर को लेकर विवाद फैल गया है। बारावफात के मौके पर मुस्लिम समुदाय द्वारा लगाए गए बैनर को कुछ हिंदू संगठनों ने आपत्तिजनक बताया, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि मामला केवल बैनर तक सीमित नहीं है, बल्कि तय जगह से अलग टेंट लगाने और दूसरे समुदाय के धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने को भी लेकर है।

मुस्लिम समुदाय का कहना है कि "आई लव मोहम्मद" नारा पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्यार और सम्मान व्यक्त करने का तरीका है, जिसे गलत तरीके से अपराध जैसा दिखाया जा रहा है। उनका आरोप है कि इसे सांप्रदायिक तनाव भड़काने के रूप में पेश किया जा रहा है, जबकि उनका उद्देश्य केवल धार्मिक स्वतंत्रता का प्रयोग करना है।

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