खराब मानसिक स्वास्थ्य के कारण होने वाली शारीरिक बीमारियाँ

आज के तनावपूर्ण जीवन में मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि खराब मानसिक स्वास्थ्य न केवल व्यक्ति की सोच और भावनाओं को प्रभावित करता है, बल्कि इसके दुष्परिणाम शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहराई से पड़ते हैं।
1. तनाव और हार्मोनल असंतुलन
जब कोई व्यक्ति तनाव या डिप्रेशन में होता है, तो उसका शरीर अत्यधिक कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्राव करता है। यह हार्मोन लंबे समय तक शरीर में अधिक मात्रा में रहने पर इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ना, हृदय रोग जैसी बीमारियाँ भी बढ़ सकती हैं।
2. कमजोर इम्यून सिस्टम
खराब मानसिक स्वास्थ्य से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन के कारण शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जिससे सर्दी-ज़ुकाम, वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।
3. नींद की कमी
मानसिक परेशानियों से अक्सर नींद प्रभावित होती है। नींद की कमी से शरीर की मरम्मत प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और हार्मोन का असंतुलन होता है, जिससे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
4. स्वास्थ्यवर्धक आदतों में कमी
जब व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान होता है, तो वह अक्सर अच्छी आहार-विहार और व्यायाम की आदतों को छोड़ देता है। गलत खान-पान, शराब, धूम्रपान जैसी आदतें भी मानसिक तनाव के साथ मिलकर शारीरिक बीमारियों को जन्म देती हैं।
5. दिल की बीमारियां
कई शोधों से पता चला है कि डिप्रेशन और चिंता हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं। तनाव की स्थिति में हृदय की धड़कन असामान्य हो सकती है, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और कोलेस्ट्रॉल स्तर असंतुलित हो सकता है।
6. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
मानसिक तनाव से शरीर की मांसपेशियां लगातार सिकुड़ती रहती हैं, जिससे सिरदर्द, पीठ दर्द और जोड़ों में समस्या हो सकती है। इससे शरीर की क्रियाशीलता कम हो जाती है और व्यक्ति शारीरिक रूप से भी कमजोर महसूस करता है।
खराब मानसिक स्वास्थ्य केवल मानसिक ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इसलिए अपनी मानसिक सेहत का ध्यान रखना उतना ही जरूरी है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य का। तनाव कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम को अपनाना चाहिए। यदि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या गंभीर हो तो विशेषज्ञ से मदद लेना बहुत आवश्यक है।
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