ऑफिस में महिलाओं को ज्यादा ठंड क्यों लगती है? जानिए

ऑफिस में अक्सर आपने देखा होगा कि महिलाएं स्वेटर, शॉल या जैकेट में लिपटी होती हैं, जबकि उनके पास बैठा पुरुष आराम से टी-शर्ट में काम कर रहा होता है। यह एक आम स्थिति है जिसे कई महिलाएं रोज़ाना झेलती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्या ये सिर्फ एक भावना है, या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण हैं? आइए इस विषय को गहराई से समझते हैं।
1. महिलाओं और पुरुषों की शारीरिक बनावट में अंतर
सबसे बड़ा कारण शरीर की बनावट और चयापचय दर (metabolism) में अंतर है:
बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR):
पुरुषों का मेटाबॉलिज़्म आमतौर पर महिलाओं से तेज़ होता है। इसका मतलब है कि उनका शरीर अधिक गर्मी पैदा करता है, जिससे उन्हें ठंड कम लगती है।
शरीर में फैट और मसल्स का अनुपात:
महिलाओं के शरीर में फैट का प्रतिशत ज़्यादा होता है और मांसपेशियां कम होती हैं। मांसपेशियां गर्मी पैदा करने में मदद करती हैं, इसलिए महिलाओं का शरीर तुलनात्मक रूप से कम गर्मी उत्पन्न करता है।
2. हॉर्मोनल अंतर
महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन्स शरीर के तापमान को अलग तरह से नियंत्रित करते हैं।
एस्ट्रोजन शरीर की त्वचा के पास की रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है, जिससे त्वचा ठंडी महसूस होती है।
3. कपड़ों का अंतर
कई बार ऑफिस में ड्रेस कोड ऐसा होता है जिसमें महिलाएं पतले कपड़े पहनती हैं, जबकि पुरुषों को फॉर्मल शर्ट, कोट आदि पहनने की अनुमति होती है जो अधिक गर्म होते हैं।
स्टाइल और फैशन के चलते भी महिलाएं कभी-कभी मौसम के अनुसार कम गर्म कपड़े पहनती हैं।
4. एयर कंडीशनिंग सिस्टम की सेटिंग
ऑफिस की एयर कंडीशनिंग सेटिंग्स अक्सर पुराने मानकों पर आधारित होती हैं, जो पुरुषों के मेटाबॉलिज्म को ध्यान में रखकर बनाए गए थे (1950-60 के दशक के डेटा पर)।
इन सेटिंग्स के अनुसार तापमान 20-22°C के आसपास रखा जाता है, जो पुरुषों के लिए आरामदायक है लेकिन महिलाओं के लिए ठंडा महसूस हो सकता है।
5. सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
महिलाएं ठंड के प्रति अधिक संवेदनशीलता प्रकट करती हैं क्योंकि समाज में यह एक स्वीकृत व्यवहार है, जबकि पुरुषों को "मजबूत" दिखना होता है, इसलिए वे ठंड लगने की शिकायत कम करते हैं।
इसके अलावा, ठंड लगने की अनुभूति में व्यक्तिगत अनुभव, मानसिक स्थिति और स्ट्रेस का भी असर हो सकता है।
समाधान क्या है?
थर्मोस्टेट की रीसेटिंग: ऑफिस तापमान सेटिंग्स को सभी कर्मचारियों की सुविधा के अनुसार बदला जा सकता है।
परतदार कपड़े पहनना: महिलाएं लेयरिंग कर सकती हैं ताकि तापमान परिवर्तन के अनुसार कपड़े कम या ज़्यादा किए जा सकें।
पोर्टेबल हीटर या गर्म पानी की बोतल: कुछ कंपनियां कर्मचारियों को ऐसी सुविधा देती हैं ताकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से गर्मी मिल सके।
सेंसिटिव ऑफिस डिजाइन: आजकल कुछ ऑफिसों में थर्मल ज़ोन बनाए जाते हैं जहां हर कोई अपनी सुविधा अनुसार जगह चुन सकता है।
महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑफिस में अधिक ठंड लगना सिर्फ एक भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक और सामाजिक कारण हैं। यह समझना ज़रूरी है ताकि ऑफिस का माहौल सभी के लिए समान रूप से आरामदायक बनाया जा सके। सिर्फ तापमान ही नहीं, बल्कि समावेशी सोच भी ऑफिस को बेहतर कार्यस्थल बनाती है।
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