पाउडर मिल्क से जुड़ी गलतफहमियों पर न करें भरोसा, जानें इसके पीछे की सच्चाई

आजकल के समय में पाउडर मिल्क (Milk Powder) का उपयोग काफी आम हो गया है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई इसका सेवन करता है। इसका इस्तेमाल न केवल पीने के लिए बल्कि मिठाइयां, चाय, कॉफी और अन्य व्यंजनों में भी किया जाता है। हालांकि, इसके बढ़ते उपयोग के साथ इससे जुड़ी कई गलतफहमियां (Myths) भी फैल गई हैं — जैसे कि यह सेहत के लिए हानिकारक है या इससे बच्चों का वजन असामान्य रूप से बढ़ता है। लेकिन क्या इन बातों में सच्चाई है? आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय।

 मिथक 1: पाउडर मिल्क से बढ़ता है वजन

सच:
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉ. निखत सिद्दीकी के अनुसार, कई माता-पिता यह मानते हैं कि पाउडर मिल्क से बच्चों का वजन तेजी से बढ़ता है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है।
दरअसल, पाउडर दूध में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे की ग्रोथ में मदद करते हैं। हालांकि, यह मां के दूध का विकल्प नहीं है, क्योंकि मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी और नेचुरल तत्व बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
अगर किसी बच्चे को चिकित्सकीय कारणों से या दूध की कमी के चलते पाउडर मिल्क दिया जाता है, तो यह सुरक्षित और पोषण से भरपूर विकल्प है। बच्चे का वजन केवल दूध पर नहीं बल्कि जेनेटिक्स, आहार और जीवनशैली पर भी निर्भर करता है।

मिथक 2: पाउडर मिल्क में होती है मिलावट

सच:
यह धारणा भी आम है कि पाउडर दूध में मिलावट होती है, लेकिन यह हर बार सच नहीं होती।
ब्रांडेड और प्रमाणित कंपनियों द्वारा तैयार किया गया पाउडर दूध सख्त गुणवत्ता जांच और सुरक्षा मानकों से गुजरता है। इनमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं।
हालांकि, लोकल या अनब्रांडेड पाउडर मिल्क में मिलावट की संभावना हो सकती है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है।
इसलिए हमेशा एफएसएसएआई प्रमाणित, विश्वसनीय ब्रांड का ही चयन करें। सही उत्पाद के इस्तेमाल से मिलावट का खतरा बेहद कम हो जाता है।

मिथक 3: पाउडर दूध में पोषण की कमी होती है

सच:
कई लोगों का मानना है कि पाउडर दूध में पोषक तत्व नहीं होते, लेकिन यह भी एक गलतफहमी है।
मानक कंपनियों द्वारा बनाया गया पाउडर दूध वैज्ञानिक रूप से तैयार किया जाता है, जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स संतुलित मात्रा में शामिल किए जाते हैं।
इसका उद्देश्य है कि जब ताजा दूध उपलब्ध न हो, तब यह पोषण से भरपूर विकल्प साबित हो।
हालांकि, यह मां के दूध का पूरा विकल्प नहीं है, लेकिन सही ब्रांड और डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन फायदेमंद और सुरक्षित हो सकता है।

मिथक 4: पाउडर दूध बच्चों के लिए हानिकारक होता है

सच:
जब मां का दूध उपलब्ध नहीं होता या पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता, तब पाउडर दूध एक सेफ विकल्प बन सकता है।
इसमें बच्चे के विकास के लिए जरूरी प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स मिलाए जाते हैं।
हालांकि, इसे हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही तैयार और इस्तेमाल करना चाहिए।
अगर गलत तरीके से पाउडर तैयार किया जाए या मिलावटी/लोकल पाउडर उपयोग किया जाए, तो यह नुकसानदायक हो सकता है।
इसलिए सावधानी और सही जानकारी के साथ इसका उपयोग करना जरूरी है।

 

पाउडर मिल्क से जुड़ी कई गलतफहमियां लोगों के मन में घर कर चुकी हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, सही ब्रांड और सही उपयोग से यह सेहत के लिए सुरक्षित और पोषणयुक्त है।
बस ध्यान रखें कि इसे मां के दूध का विकल्प नहीं, बल्कि एक विकल्प के रूप में जरूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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