अयोध्या हार का बीजेपी ने लिया बदला, पंचर हुई साईकिल।

Adarsh Kanoujia

अयोध्या की मिल्कीपुर विधान सभासीट पर हुए उपचुनाव में 5 फरवरी को प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हुई थी। आज (8 फरवरी) को  गिन्ती  पूरी होने के बाद बीजेपी के चंद्र भानु पासवान 65 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीत गए हैं। वहीं चंद्र भानु पासवान के निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के प्रत्याशी अजीत प्रसाद अपने बूथ इनायतनगर में हार गए हैं। 

नहीं चला किसानों की जमीन का मुद्दा-

पिछलें साल आम चुनाव 2024 में अयोध्या के नतीजों ने सबके चौंका दिया था। वजह थी अयोध्या सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाना। इस सीट को जीतने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर अयोध्या के किसानों की जमीन हड़पने का आरोप लगाया था। उन्होंने  कई बार अपने भाषणों में भी इस बात का जिक्र किया था। मिल्कीपुर उपचुनाव से  कुछ वक्त पहले अखिलेश की प्रेस कांफ्रेंस में अयोध्या के किसान शामिल भी हुए थे। किसानों ने जमीन के बदले सरकार द्वारा कम मुआवजा मिलने की बात भी सामने रखी थी। अखिलेश इस मुद्दे को उपचुनाव का मुद्दा बनाया था। पर मिल्कीपुर की जनता के दिमाग में कुछ और ही था। सपा अयोध्या की तरह मिल्कीपुर सीट पर बड़ा उलट फेर करने में नाकाम रही और इस सीट को बड़े मार्जिन से हार गई।

सपा और भाजपा ने क्यों उतारें एक ही समुदाय के प्रत्याशी-

सपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया था जो पासी समुदाए से आते है। जिसके बाद भाजपा ने भी पासी समुदाय से आने वाले युवा चेहरे चंद्रभान पासवान को मौका अपना प्रत्याशी बनाया था।
बता दें कि, अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 58 हजार है। ऐसा माना जाता है कि इसमें सबसे अधिक अनुसूचित जाति और फिर दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग के वोटर हैं। यहां अनुसूचित जाति वर्ग में पासी समाज और ओबीसी में यादव सबसे प्रभावी हैं। ओबीसी और दलित वोटबैंक के साथ ही मुस्लिम भी प्रभावी भूमिका में हैं। समाजवादी पार्टी को फौरी तौर पर इसी पीडीए समीकरण का लाभ मिलता है। और इस बार के चुनाव में भी मेन फोकस इन्हीं समुदाय पर रहेगा। यहां सवा लाख दलित हैं, जिनमें पासी बिरादरी के वोट ही करीब 55 हजार हैं। इसके अलावा 30 हजार मुस्लिम और 55 हजार यादवों की तादाद है।

भाजपा के लिए ये सीट जीतना क्यों अहम था-
 
राम मंदिर निर्माण के बाद भाजपा को आयोध्या मिली हार के कारण ये सीट जीतना भाजपा के लिए जरूरी हो गया था। भाजपा यह सीट जीत कर लोकसभा 2024 में मिली हार का बदला लेना चाहती थी। यह सीट भाजपा के लिए इतनी अहम थी कि मिल्कीपुर में खुद सी एम योगी ने कई जन सभाओं को संबोधित किया था। हालांकि, यह सीट जीतना भाजपा के लिए इतना आसान भी नहीं था क्योंकि इस सीट पर भाजपा लगातार हारती रही है। यहां तक कि पिछले दो विधानसभा चुनाव में भाजपा लहर के बावजूद यह सीट भाजपा के खाते में नहीं गई थी।


कौन है चंद्र भान पासवान-

अयोध्या जिले के परसौली गांव में जन्मे चंद्रभान पासवान का जीवन संघर्षों से भरा रहा. 3 अप्रैल 1986 को बाबा राम लखन के घर जन्मे चंद्रभान ने बी.कॉम और एल. एल. बी की डिग्री हासिल की है लेकिन उन्होंने करियर के रूप में राजनीति की दिशा में कदम बढ़ाना चुना। भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्यसमिति के सदस्य के रूप में उनकी सक्रियता ने उन्हें गांव-गांव और लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव होने में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है। वो पासी समाज से आते है।
 

सीएम योगी ने कहा- ऐतिहासिक जीत

योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत को ऐतिहासिक जीत बताया  है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ' मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय की सभी समर्पित पार्टी पदाधिकारियों एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं को हृदयतल से बधाई! नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'डबल इंजन की भाजपा सरकार' की लोक-कल्याणकारी नीतियों एवं सेवा।'

अखिलेश ने कहा ये झूठी जीत है-

मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर बीजेपी पर आरोप लगाए है। उन्होंने अपने X हैंडिल पर लिखा-PDA  की बढ़ती शक्ति का सामना भाजपा वोट के बल पर नहीं कर सकती इसलिए वो चुनावी तंत्र का दुरूपयोग कर चुनाव जीतती है। ये जीत झूठी है वो कभी आंखों में आंखें डालकर नहीं देख पाऐंगे।

 

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