दी बोस पब्लिक स्कूल में शहीद भगत सिंह की मनाई गई 118 वीं जयंती

मीरजापुर : दी बोस पब्लिक स्कूल के प्रबंधक अमरेन्द्र शर्मा द्वारा शहीद - ए - आजम सरदार भगत सिंह जी के जन्मदिन के मौके पर एक गोष्ठी आयोजित कर शाहिद भगत सिंह की 118 वीं जयंती मनाई गई। सर्व प्रथम विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक रमेश सिंह दीप प्रज्वलित कर सरदार भगत सिंह जी के फोटो फ्रेम पर तिलक किए और पुष्प अर्पित कर उपस्थित विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को जन्मदिन की बधाई दिए। तत्पश्चात रमेश सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए भगत सिंह के बारे में बताया कि सरदार भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 में पश्चिमी पंजाब के लायलपुर के बंगा नमक गांव( अब फैसलाबाद पाकिस्तान) में हुआ था। इनके पिता किसन सिंह और माता विद्यावती थी। भगत सिंह बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के थे। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने की इच्छा उनके दादा, पिता, और चाचाओं को स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी से प्रेरित था।
जलियांवाला बाग हत्या कांड, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए। इस घटना ने उनके कोमल हृदय को झकझोर दिया। इस हृदय विदारक घटना ने उन्हें देश की आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया और वो अपने आपको देश के नाम कर दिए। उस समय 12 वर्ष के थे। उन्होंने नेशनल कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़ गए। 1926 में नौजवान भारत सभा की स्थापना भी की। उर्दू अखबार के लिए लेखक और संपादक के रूप में भी कार्य किया। भगत सिंह ने ही इन्कलाब ज़िंदाबाद के नारे को बुलंद किया जिसे हसरत मोहानी ने लिखा और गढ़ा था। वे देश में आजादी की लड़ाई की लहर को तेज करने के लिए अपने आपको अंग्रेजी सिपाहियों से गिरफ्तार करवाया और 23 मार्च 1931 को हंसते - हस्ते फंसी पर झूल गए। आज हम जिस स्वतंत्र और खुली वातावरण में सांस ले रहे हैं , यह उन्हीं की बदौलत मिला है। जितना भी उनके बारे में बताया जाए कम है। आप विद्यार्थी हैं उनके बारे और जानने के लिए प्रयास करते रहें। आगे चलकर इसे अपने शोध का विषय बनाए।हम सदैव उनकी ऋणी हैं, उनके इस कर्ज को कभी नहीं चुका पाएंगे। हमें चाहिए कि अपने देश की एकता और अखंडता को बचाए रखें। यही भारत मां के अमर सपूतों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
रिपोर्टर : खालिक हाशमी
No Previous Comments found.