नवरात्रा शुरू,नवरात्रा में मिथिला में ढोल बजाने का हैं प्राचीन परंपरा

 मुजफ्फरपुर :  रविवार से  घटस्थापना के बाद नवरात्रा शुरू हो गया। दशहरा में मिथिला में ढोल बजाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। गले में ढोल टांग कर गांव के हर घर घर जाकर ढोल बजाने बाले राम मधुबनी जिला के कलुआही प्रखंड के राढ गांव के रामदयाल राम का कहना है कि उनके पूर्वज इस पेशा में लगे हैं। दशहरा में ढोल बजाने के बारे में उन्होंने कहा कि  इससे गांव में सुख शांति आती हैं।भूत प्रेत,आसूरी शक्ति दशहरा में अधिक सक्रिय हो जाता है।ढोल की आवाज से भाग जाता है। डायन योगिनी  का नजर नहीं लगता है।हालांकि यह अंधविश्वास हैं लेकिन मिथिला के लोक आस्था से जोड़ कर मानते हैं।पूरे दशहरा में घर घर ढोल बजाने के एवज में गृह स्वामी उसे अनाज या नगद राशि देते हैं। आधुनिक युग में ढोल का स्वरूप भी बदल गया है। इस पेशा को चमार जाति छोड़ना भी चाहते हैं।राम दयाल राम ने कहा कि इस पेशा को हमारे जाती  प्रायः छोड़ चुके हैं। आगामी कुछ बर्षो में यह  परंपरा पूर्णतः लुप्त हो जाएगा।

 

 रिपोर्टर : दीपक कुमार तिवारी

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