MSME को सस्ता और पारदर्शी लोन, RBI ने बैंकों को दी नई सलाह-
MSME को सस्ता और पारदर्शी लोन, RBI ने बैंकों को दी नई सलाह-
ब्याज दरों को बाहरी मानक से जोड़ने की पहल-
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को मौद्रिक नीति का सीधा लाभ दिलाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को महत्वपूर्ण सलाह दी है। सरकार ने संसद को बताया कि आरबीआई ने एमएसएमई लोन की ब्याज दरों को किसी बाहरी मानक (External Benchmark) से जोड़ने को कहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रेपो रेट या अन्य नीतिगत दरों में बदलाव का असर समय पर ग्राहकों तक पहुंचे।
तीन महीने में होगा ब्याज दरों का रीसेट-
बाहरी मानक से जुड़े एमएसएमई लोन के तहत ब्याज दरों के पुनःनिर्धारण की अवधि तीन महीने तय की गई है। इससे पहले कई मामलों में ब्याज दरों में बदलाव का लाभ देर से मिलता था। अब हर तीन महीने में दरों की समीक्षा होने से उद्यमियों को तेजी से राहत मिलने की उम्मीद है और कर्ज की लागत में पारदर्शिता बढ़ेगी।
पुराने उधारकर्ताओं को भी मिलेगा फायदा-
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री शोभा करंडलाजे ने लोकसभा में बताया कि मौजूदा एमएसएमई उधारकर्ताओं को भी बाहरी मानक आधारित ब्याज दर व्यवस्था अपनाने का विकल्प मिलेगा। यह बदलाव बैंक और ग्राहक की आपसी सहमति से किया जा सकेगा, जिससे पहले से कर्ज ले चुके उद्यमी भी नई व्यवस्था का लाभ उठा सकेंगे।
गुणवत्ता नियंत्रण में MSME को राहत-
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCOs) को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो और उपभोक्ता मामलों के विभाग के जरिए इन नियमों को लागू करते समय एमएसएमई क्षेत्र को विशेष छूट दी जा रही है, ताकि छोटे उद्योगों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े और घरेलू उत्पादन व रोजगार प्रभावित न हों।

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