मल्टीविटामिन टैबलेट खाने वाले हो जाये सावधान

मल्टीविटामिन टैबलेट, कैप्सूल, लिक्विड और पाउडर में आता है. ये आमतौर पर बी कॉम्पलेक्स, कैल्शियम और विटामिन डी का कॉम्बिनेशन होता है. इसके अलावा एक कॉप्रिहेंसिव मल्टीविटामिन आता है. दुनिया में अरबों डॉलर मल्टीविटामिन सप्लीमेंट का कारोबार है. हालांकि मल्टीविटामिन के लिए आपको बहुत महंगे ब्रांड का सप्लीमेंट लें, यह जरूरी नहीं क्योंकि सस्ते ब्रांड का मल्टीविटामिन भी कारगर है.

 

विटामिंस की कमी होती क्यों है

कई तरह की बीमारियां और पोषक तत्वों की कमी से मल्टीविटामिंस की कमी हो सकती है. जब विटामिंस की कमी हो जाए तो इससे डाइजेस्टिव सिस्टम बिगड़ जाता है और कई तरह के क्रोनिक डिजीज का सामना करना पड़ सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान भी विटामिंस की कमी हो सकती है. विटामिन की कमी से हमें इंफेक्शन हो जाता है और हम कोल्ड एंड कफ, मांसपेशियों में ऐंठन, हार्ट प्रोब्लम और इम्यूनिटी की कमी से जूझने लगते हैं.

 

किसे होती है मल्टीविटामिंस की जरूरत

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक जिन लोगों की डाइट हेल्दी नहीं है. यानी जिन लोगों के भोजन में रोजाना हरी सब्जी, ताजे फल, साबुत अनाज का अभाव होता है, उनलोगों को विटामिंस की कमी हो सकती है. वहीं बुजुर्ग लोगों में विटामिंस की कमी का जोखिम ज्यादा रहता है. ऐसे ही ही जिनका मेटाबोलिज्म ठीक से काम नहीं करता है, उन्हें मल्टीविटामिन की जरूरत है. इसके अलावा प्रेग्नेंसी में भी मल्टीविटामिन की जरूरत पड़ सकती है. जिन लोगों को पेट से संबंधित बीमारियां हैं या जिन्हें ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है, उनमें मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम की भी कमी हो जाती है. मिनिरल्स की कमी के कारण विटामिंस की भी कमी हो जाती है. ऐसे में डॉक्टर यह तय करते हैं कि आपको मल्टीविटामिन की जरूरत है या नहीं.

 

किसे मल्टीविटामिन की जरूरत नहीं

अगर आप हेल्दी डाइट लेते हैं, इसके बावजूद हमेशा थकान रहती है तो पहले डॉक्टर से मिलें. जांच के बाद पता चलेगा कि आपको मल्टीविटामिन की जरूरत है या नहीं. अगर आप बढ़िया खाना खा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद हेल्थ को और मजबूत बनाना चाहते हैं और सोचते हैं कि मल्टीविटामिन इसका निदान है, तो यह गलत साबित हो सकता है. अगर किसी को ऑस्टियोपोरोसिस है और कैल्शियम की जरूरत है, तो भी मल्टीविटामिन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

 

बिना आवश्यकता मल्टीविटामिन लेने के नुकसान

आमतौर पर हेल्दी भोजन के साथ ही सभी तरह के विटामिन की पूर्ति हो जाती है. बिना मतलब मल्टीविटामिन लेना बहुत नुकसानदेह है क्योंकि जो विटामिन पानी में घुलनशील है, उससे उतना नुकसान नहीं होता लेकिन जो विटामिन पानी में घुलनशील नहीं है, उससे बहुत नुकसान है. विटामिन बी और विटामिन सी पानी में घुलनशील होता है जबकि विटामिन ए, के, डी, ई वसा में घुलनशील है. मल्टीविटामिन में कैल्शियम भी रहता है, वह भी वसा में घुलनशील होता है. यानी ये विटामिन आसानी से पेट में घुलता नहीं, इसलिए इसका जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ मल्टीविटामिंस में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और जिंक भी मिला रहता है. इसका ज्यादा सेवन करने से पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, आंत की समस्या, भूख न लगना, बालों का झड़ना, ड्राई स्किन, मुंह में झुनझुनी, पीरियड्स में बदलाव, वजन कम होना, चक्कर आना सहित कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इसके साथ ही मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, पेशाब में खून, सुस्त त्वचा और दर्द या सूजन भी हो सकती है.

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