तखनों के ऊपर पजामा पहने के पीछे क्या हैं मुस्लिमो की सोच ?

अक्सर अपने मुस्लिमो को देखा होगा की उनका पजामा ऊचा होता हैं. ये देखकर आपके मन में भी कई बार प्रश्न उठे होंगे. तो चलिए आज हम आपको बताते की मुस्लिमो में ऊचा पजामा क्यों पहना जाता हैं...
इस्लाम धर्म में कहा गया हैं की मर्द का जिस्म नाफ (नाभि) से लेकर घुटने तक ढका होना चाहिए. लेकिन उनके पैर के टखने हमेशा दिखने चाहिए. दरअसल ऊंचा पजामा पहनने का एक कारण ये भी है कि टखने से बड़े पजामे के गंदे होने का डर बना रहता है. और गंदे पजामे के साथ नमाज़ अदा करना इस्लाम के खिलाफ है. वहीं इस्लाम धर्म में अल्लाह की इबादत करना बहुत अहम माना गया हैं. ऐसा कहा जाता हैं की जो लोग अल्लाह को मानते हैं वो ही असली मुस्लमान होते हैं. मुस्लमान दिनभर में 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. इस दौरान अपने देखा होगा की मुस्लिम ऊचा पजामा पहनते हैं. इसके का क्या कारण हैं...
क्या हैं ऊचे पजामे का कारण...
इस्लाम धर्म में पुरुष के लिए ऊंचा पजामा पहनने का न कोई फर्ज है और न ही कोई रीति रिवाज. लेकिन इस्लाम में पैगंबर मोहम्मद के जीवन काल ये बात मिलती है कि ऊंचा पजामा नहीं पहनना चाहिए. पैगंबर के उपदेशों में इसका जिक्र मिलता है.
दूसरी बात, हम सभी को पता है कि इस्लाम धर्म में नमाज़ पढ़ना काफी महत्वपूर्ण है. इस्लाम धर्म में नमाज अदा करने के कुछ नियम होते है. इन नियमों का सख्ती से पालन करना बेहद जरूरी है. सबसे पहले जिस भी जगह नमाज़ पढ़नी है वो जगह एकदम पाक(साफ-सुथरी) होनी चाहिए. और आपका बदन (शरीर) पाक होना चाहिए, जिसके लिए वज़ू के बाद ही नमाज़ को अदा किया जाता है. इन सब नियमों में एक नियम ये भी है कि नमाज़ के वक्त मर्द और औरत का बदन ढका हो. इस्लाम धर्म में मर्द का जिस्म नाफ से लेकर घुटने तक ढकने की बात कही गई है. लेकिन उनके पैर के टखने हमेशा दिखने चाहिए.दरअसल ऊंचा पजामा पहनने का एक कारण ये भी है कि टखने से बड़े पजामे गंदे होने का डर बना रहता है. और गंदे पजामे के साथ नमाज़ अदा करना इस्लाम के खिलाफ है. इसलिए ज्यादातर मुसलमान इस परेशानी से बचने के लिए छोटा पजामा सिलवाते हैं.
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