क्या मायोपिया पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती है? कारण और बचाव के तरीके
मायोपिया या निकट दृष्टि दोष एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति दूर की चीज़ों को साफ़ नहीं देख पाता, लेकिन पास की चीज़ें आसानी से देख सकता है। यह समस्या आँख की संरचना, लेंस और कॉर्निया के आकार, तथा रेटिना पर प्रकाश के फोकस होने के तरीके पर निर्भर करती है।
मायोपिया और आनुवंशिकता
मायोपिया का संबंध आनुवंशिकी यानी जेनेटिक्स से पाया गया है। यदि माता-पिता में से एक या दोनों को मायोपिया है, तो उनके बच्चों में इस समस्या के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ अध्ययन बताते हैं:
यदि केवल एक माता-पिता मायोपिया से पीड़ित हैं, तो बच्चे में इसका जोखिम लगभग 25%–30% होता है।
यदि दोनों माता-पिता मायोपिया से पीड़ित हैं, तो जोखिम 50%–60% तक बढ़ सकता है।
पर्यावरण और जीवनशैली का प्रभाव
हालांकि आनुवंशिकी मायोपिया में बड़ी भूमिका निभाती है, लेकिन आधुनिक जीवनशैली और पर्यावरणीय कारण भी महत्वपूर्ण हैं। जैसे:
मोबाइल, कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन का अधिक उपयोग
लगातार पढ़ाई या किताबों पर लंबे समय तक ध्यान
बाहर कम खेलना या प्राकृतिक रोशनी में कम समय बिताना
ये कारण बच्चों में मायोपिया को और बढ़ा सकते हैं।
मायोपिया को रोकने या धीमा करने के उपाय
आँखों की नियमित जांच: बच्चों और किशोरों की आँखों की समय-समय पर जांच करें।
स्क्रीन टाइम सीमित करें: लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर का उपयोग कम करें।
खुली हवा में खेलना: प्राकृतिक रोशनी में कम से कम 1–2 घंटे बाहर खेलना आँखों के लिए लाभकारी है।
सही दूरी पर पढ़ाई करें: किताब या स्क्रीन को आँखों से उचित दूरी पर रखें।
संतुलित आहार: विटामिन A, C और E युक्त भोजन आँखों की सेहत के लिए अच्छा है।
मायोपिया एक ऐसी स्थिति है जो आनुवंशिकी से प्रभावित हो सकती है और पीढ़ी दर पीढ़ी जाने की संभावना रखती है। हालांकि, सही जीवनशैली और सावधानी बरतने से इसे नियंत्रित या धीमा किया जा सकता है। बच्चों में समय पर नजर की जांच और आँखों की देखभाल बेहद जरूरी है।


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