पुष्पा स्टाइल में लकड़ी की तस्करी करौंदिया से भरकर पीथमपुर ले जा रहे थे....
बगड़ी :- वन परिक्षेत्र की टीम ने रविवार सुबह 6:00 बजे बगड़ी और सगड़ी के बीच हनुमान मंदिर के समीप से अवैध रूप से ले जा रहे लकड़ी से भरे दो वाहनों को जप्त किया है। वन विभाग की टीम को लगातार जांच अभियान तहत बड़ी सफलता मिली है एक हफ्ते में दूसरी बार बगड़ी वन परिक्षेत्र की टीम ने अवैध लकड़ी से भरे दो वाहनों को पकड़ा है। वाहनों में करीब 2 लाख रूपए की महुआ की गीली लकड़ी एवं करीब 12-12 लाखों के दो वाहन जप्त किया कर दो आरोपियों के वृद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की गई है। बगड़ी वन मंडल परिक्षेत्र के सहायक संतोष उपाध्याय ने बताया वन मंडल अधिकारी विजय नभमं डिआर के निर्देश अनुसार लकड़ी के अवैध परिवहन को रोकने के लिए टीम गठित की गई थी।बगड़ी वन परिक्षेत्र टीम ने रात में गस्ती के दौरान वाहनों की जांच की थी इसलिए सुबह 6 बजे बगड़ी के समीप हनुमान मंदिर के पास दो पिकअप वाहन को रुकवाया गया जिसमे जांच में अवैध रूप से महुआ की गीली लकड़ी भरी हुई थी। वन परिक्षेत्र उपाध्याय ने बताया की संदेह होने पर पिकअप क्रमांक MP-09-ZU-2805 एंव MP-09-ZF-2614 रोका गया जिसमे महुआ की गीली लकड़ी थी। दोनों वाहनों में 3-3 टन अवैध रूप से भरकर पीथमपुर क्षेत्र की और ले जा रही थी। सोड़पुर करोंदिया खाली वन परिक्षेत्र से अवैध रूप से काट कर आरोपी ले जा रहे थे। जिसकी कीमत दो लाख रुपये बताई गई है। दोनों वाहनों की कीमत 24 लाख बताई गई है। वन अधिकारी उपाध्याय ने बताया गया आरोपी वाहन चालक पिंटू पिता नागरीय निवासी ग्राम गुगली उम्र 28 वर्ष कालू पिता राजाराम निवासी करौंदिया उम्र 32 वर्ष खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। वन मंडला अधिकारी धार के निर्देशन में टीम परिक्षेत्र सहायक बगड़ी संतोष कुमार उपाध्याय सहयोगी वन मंडल रक्षक रितेश त्रिवेदी जितेंद्र चौधरी अस्थाई कर्मी कमलेश की मुख्य भूमिका रही।
संकट मोचन हनुमान मंदिर बना भक्ति का प्रमुख केंद्र — नालछा के युवाओं ने जगाई आस्था की लौ, हर शनिवार गूंजता है संगीतमय सुंदरकांड! नालछा बस स्टैंड थाना परिसर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर आज भक्ति, आस्था और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र बन चुका है। वर्ष 2023 से प्रत्येक माह के हर शनिवार को यहाँ संकट मोचन सुंदरकांड मंडल के तत्वावधान में अखंड संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जा रहा है।
इस मंडल की विशेषता यह है कि इसमें 10 से 12 युवा सदस्य अपने मधुर स्वरों से सुंदरकांड का पाठ कर पूरे मंदिर परिसर को भक्ति रस में सराबोर कर देते हैं। जब “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर…” के पद गूंजते हैं, तो वातावरण दिव्यता और शांति से भर उठता है।नालछा के इन युवाओं ने आधुनिक युग में भक्ति और भारतीय संस्कृति की अलख जगाने का जो अभियान शुरू किया है, वह अनुकरणीय है। धीरे-धीरे आसपास के गांवों के युवक भी इस मंडल से जुड़कर श्रीराम और हनुमानजी की भक्ति में लीन हो रहे हैं। संकट मोचन सुंदरकांड मंडल केवल साप्ताहिक पाठ तक सीमित नहीं है — यह मंडल हर धार्मिक पर्व, उत्सव और सामाजिक कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाता है। हाल ही में देव उठनी ग्यारस के पावन अवसर पर खाटू श्याम प्रकट उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। भव्य आतिशबाज़ी, मधुर भजन-कीर्तन, दीपमालाओं की जगमगाहट और प्रसाद वितरण ने पूरे नालछा को भक्ति रस में डुबो दिया। यह निरंतर आयोजन आज नालछा की पहचान बन चुका है — भक्ति, एकता और संस्कृति का संगम। युवाओं में धर्म, सेवा और संस्कार की नई चेतना। संकट मोचन सुंदरकांड मंडल के इन प्रयासों से नालछा में आस्था की नई ज्योति प्रज्वलित हो रही है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।
रिपोर्टर - अशोक मिरदवाल
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