संघ शताब्दी वर्ष पर नालछा नगर में निकला भव्य पथ संचलन 200 से अधिक स्थानों पर हुआ स्वागत
नालछा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रविवार, 26 अक्टूबर को नालछा नगर में ऐतिहासिक पथ संचलन का आयोजन किया गया। नालछा मंडल के सैकड़ों स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में अनुशासित पंक्तियों में कदमताल करते हुए नगर के मुख्य मार्गों से गुजरे। संचलन ने लगभग 3.5 किलोमीटर की पूरी की।
नगर के 200 से अधिक स्थानों पर समाजिक, धार्मिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा फूलमालाओं एवं पुष्पवर्षा से स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया।
संचलन का मार्ग और स्वरूप
पथ संचलन सीएम राइस विद्यालय से प्रारंभ होकर मां काली मंदिर, बस स्टैंड, सब्जी मंडी, ग्वाल मोहल्ला, कुशवाहा चौपाटी, कुमार मंडी, सुभाषचंद्र बोस मार्ग, चंद्रशेखर आजाद मार्ग, मांडू रोड होते हुए पुनः सीएम राइस विद्यालय पर संपन्न हुआ।
घोष वाहिनी, ध्वज वाहिनी एवं अन्य वाहिनियों की अनुशासित पंक्तियों ने नगरवासियों में उत्साह और गर्व का वातावरण बनाया।
मुख्य अतिथि एवं मंचासीन
मंच पर श्री श्री 108 महंत प्रेमदास जी महाराज, मुख्य वक्ता विभाग कार्यवाह अरविंद चौधरी, एवं खंड संघचालक सुरेश जी निनामा उपस्थित रहे।
मुख्य वक्तव्य
मुख्य वक्ता अरविंद चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदू समाज के संगठन में केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का कल्याण निहित है।
उन्होंने कहा —“हिंदू संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ का संदेश देती है। संघ का यह सौवां वर्ष सौभाग्य और संकल्प का क्षण है। संघ केवल संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की एक जीवन्त प्रक्रिया है, जिसने शिक्षा, सेवा, संस्कृति, सामाजिक जागरण और राष्ट्र रक्षा के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है।”
उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि वे सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य एवं स्वभाव जागरण जैसे पंच परिवर्तन विषयों पर गंभीरता से कार्य करें।
पंच परिवर्तन विषय केंद्र में
संघ के शताब्दी वर्ष का यह आयोजन इन पंच परिवर्तन विषयों पर केंद्रित रहा —
सामाजिक समरसता
कुटुंब प्रबोधन
पर्यावरण संरक्षण
नागरिक कर्तव्य
स्व का भाव
रिपोर्टर : अशोक मिरदवाल
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