बेकार लकड़ी से आकर्षक वस्तुएं- ग्रामीण अस्पताल धानोरा की एक अनूठी पहल

धानोरा : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, ग्रामीण अस्पताल, धानोरा में एक सराहनीय पहल की गई चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रीति पटले की अवधारणा से 'बेकार से उपयोगी' नामक यह पहल सफलतापूर्वक पूरी की गई पिछले महीने, एक तूफान के कारण अस्पताल परिसर में एक पुराना पेड़ गिर गया था इस पेड़ की बेकार लकड़ियों का पुन: उपयोग करके विभिन्न प्रकार की टिकाऊ वस्तुएं बनाने का निर्णय लिया गया, जिससे पर्यावरण का संरक्षण हो सके

डॉ. प्रीति पटले और उनके सहयोगियों ने इन लकड़ियों का उपयोग कर कुर्सियां, स्टूल और कई अन्य सजावटी वस्तुएं बनाईं इससे न केवल कचरा कम हुआ, बल्कि प्रकृति पर भी बोझ घटा इस पहल से पर्यावरण की देखभाल के साथ-साथ आर्थिक बचत भी हुई
पहल के लाभ-पर्यावरण की देखभाल: इस पहल से कचरा कम होता है और प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग होता है
आर्थिक बचत- नई वस्तुएं खरीदने का खर्च बचता है
रोजगार के अवसर- स्थानीय स्तर पर कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं
रचनात्मकता- लोगों को नई-नई चीजें बनाने की प्रेरणा मिलती है
इस पहल के लिए जिला सर्जन डॉ. विनय सोनवणे और डॉ. नरेश पाडवी ने मार्गदर्शन किया, जबकि माननीया मिताली शेट्टी मैम ने प्रोत्साहन दिया शुभांगी बाविस्कर, दीपक वाघमारे, दीनू वळवी और जगदीश चौधरी ने इस पहल के लिए विशेष प्रयास किए यह पहल पर्यावरण की देखभाल के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करती है

रिपोर्टर : शेख फहीम मोहम्मद

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