देवललाई यहां आरक्षित भूमि पर हस्तांतरणीय विकास अधिकारों के दुरुपयोग के संबंध में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. सभापति : राम शिंदे

नाशिक :   26 जून 2025  विधान परिषद के सभापति प्रा. राम शिंदे ने निर्देश दिया कि नासिक नगर निगम के आयुक्त, पंजीकरण महानिरीक्षक और मुद्रांक नियंत्रक और जिला कलेक्टर, नासिक को नासिक नगर निगम के अंतर्गत मौजे देवलाली में सर्वेक्षण क्रमांक 295 के आरक्षित क्षेत्र के बदले में दिए गए संक्रमणीय विकास अधिकारों के संबंध में पूरी जांच करनी चाहिए और 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट पेश करनी चाहिए। मौजे देवलाली में सर्वे क्रमांक 295, उद्यान, स्कूल और 18 मीटर डीपी रोड के लिए आरक्षित क्षेत्र के बदले मनपा ने सरकारी बाजार दर से अधिक दर पर टीडीआर प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत मिली थी। इस संबंध में विधानभवन में एक बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर बाबासाहेब पारधे, सहायक पुलिस आयुक्त सचिन बारी, पुलिस उपायुक्त मोनिका राऊत मौजूद थे। जबकि नगर नियोजन निदेशक डॉ. प्रतिभा भदाणे, सुलेखा वैजापुरकर, संयुक्त निदेशक धनंजय खोत, उपनिदेशक दीपक वराडे मौजूद थे। राम शिंदे ने कहा कि देवलाली में आरक्षित भूमि के बदले में नासिक महानगरपालिका ने भूमि के मालिकों को 6,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के सरकारी बाजार मूल्य पर टीडीआर दिया। शिकायत में देखा गया है कि 25 हजार 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से टीडीआर प्रमाण पत्र दिया गया, जबकि भूमि का सरकारी बाजार मूल्य 6,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर था। यह प्रथम दृष्टया स्पष्ट है कि इस मामले में सरकार को नुकसान हुआ है और नासिक महानगरपालिका के आयुक्त, पंजीकरण महानिरीक्षक और मुद्रांक नियंत्रक और नासिक के जिला कलेक्टर को पूरी जांच करनी चाहिए। जांच के बाद मामले में तथ्य पाए जाने पर, दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए और एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए, यह निर्देश अध्यक्ष प्रो. राम शिंदे ने दिए।

रिपोर्टर : भूषन 

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