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बिलीमोरा शाखा में 101 निरंकारी भक्तों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान किया

नवसारी : निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की 'नर सेवा नारायण पूजा' की दिव्य शिक्षाओं का पालन करते हुए, 101 निरंकारी भक्तों ने भीषण गर्मी में भी बिलिमोरा शाखा में उत्साहपूर्वक रक्तदान किया। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार 15 जून को चिखली स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित इस रक्तदान शिविर में नानूभाई मावजीभाई पटेल रक्तदान केंद्र के डॉक्टर और उनकी टीम द्वारा रक्त एकत्र किया गया। संत निरंकारी मिशन में रक्तदान अभियान की शुरुआत 1986 में निरंकारी बाबा हरदेव सिंहजी ने स्वयं रक्तदान करके की थी। जिसमें बाबा हरदेव सिंहजी ने 'रक्त नालियों में नहीं, बल्कि नाड़ियों में बहना चाहिए' का संदेश देकर मानवता के कल्याण का संकल्प लिया था। बाबा जी के इस उद्घोष से प्रभावित होकर निरंकारी भक्त निरंतर रक्तदान कर रहे हैं और अब तक देशभर में 14 लाख यूनिट से अधिक रक्तदान हो चुका है। रक्तदान शिविर के साथ-साथ सभी ने निरंकारी राजपिता रमित जी का वीडियो संदेश भी सुना। इस संदेश में उन्होंने कहा कि ईश्वर की रचना सबके लिए एक समान है। जब व्यक्ति अपने जीवन में ईश्वर को पा लेता है, तो उसका जीवन सही मायनों में सफल हो जाता है। रक्तदान शिविर के समापन से पूर्व सभी भक्तों, रक्तदाताओं और स्वयंसेवकों ने वीडियो के माध्यम से सतगुरु माताजी का दिव्य संदेश देखा, जिसमें सतगुरु माताजी ने संदेश दिया कि जब हम ईश्वर का सहारा लेकर उसके अनुसार अपना जीवन जीते हैं, तो हम सहज अवस्था को प्राप्त करते हैं, यही सच्ची भक्ति है। बिलिमोरा शाखा के मुखीश्री नाना मोरे की देखरेख में आयोजित इस शिविर में कई गणमान्य लोगों ने शिष्टाचार भेंट की और मिशन के कार्यों की सराहना की। स्थानीय शाखा और अन्य शाखाओं के व्यवस्थापक भी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त, मिशन की स्थानीय सेवादल इकाई तथा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के स्वयंसेवकों ने भी इस शिविर के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

रिपोर्टर : तार मोहम्मद मेमन 

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