आर.टी.ई. एक्ट-2009 के तहत नवसारी जिले के 1363 बच्चों को 162 निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया

नवसारी : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में शुरू किए गए सभी जनहित कार्यक्रम बेहद सफल रहे हैं और उनके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। उनमें से एक है - शाला प्रवेशोत्सव और कन्या केलवाणी महोत्सव। बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न शैक्षणिक योजनाएं क्रियान्वित की गईं, जिनमें शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 लागू किया गया। नवसारी जिले में शैक्षणिक वर्ष 2025 में आर.टी.ई. एक्ट-2009 के तहत 1363 विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए नवसारी प्राथमिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार अग्रवाल ने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2025 में नवसारी जिले के 162 गैर-सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के लिए कुल 2281 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से विद्यार्थियों की वरीयता और 6 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध विद्यालयों के नियमों को ध्यान में रखते हुए अब तक 1363 विद्यार्थियों को गैर-सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश दिया जा चुका है। शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के अंतर्गत नवसारी जिले के 162 विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया का दौर पूरा होने के बाद कुल 1363 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। जिसके लिए प्रति विद्यार्थी 3000 रुपए के हिसाब से कुल 4089000-/- लाख रुपए का भुगतान राज्य सरकार द्वारा निकट भविष्य में किया जाएगा। जबकि विद्यालयों को 13675/- रुपए फीस वापस करने के लिए 18639025/- लाख रुपए का अनुदान स्वीकृत किया जाएगा। नवसारी जिले में वर्ष 2020 में कुल 982 बच्चे, वर्ष 2021 में कुल 1144 बच्चे, वर्ष 2022 में कुल 1080 बच्चे और वर्ष 2023 में कुल 669 बच्चे, वर्ष 2024 में 709 विद्यार्थी और वर्ष 2025 में कुल 1363 बच्चे आरटीई अधिनियम के तहत नामांकित हुए। इस प्रकार, वर्ष 2020 से 2025 तक नवसारी जिले में कुल 5946 विद्यार्थियों ने सरकार की जन संवेदना सभा योजना के तहत शिक्षा प्राप्त की है। आरटीई अधिनियम के तहत उपलब्ध लाभों में से, गुजरात राज्य के सभी निजी स्कूलों में आरटीई अधिनियम के तहत प्रवेश दिया जाता है। कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। स्कूल में कुल सीटों का 25% आरक्षित करके बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। निजी स्कूलों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को फीस नहीं देनी पड़ती है। बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी ने वर्ष 2003 से शाला प्रवेशोत्सव की शुरुआत की थी। “आओ शाला प्रवेशोत्सव को सामाजिक उत्सव बनाएं” के उद्देश्य से नवसारी जिला प्रशासन भी ‘शाला, शिक्षक और शिक्षा’ की त्रिमूर्ति के माध्यम से शिक्षा के दायरे को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

रिपोर्टर : तारमोहम्मद मेमन 

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