इस जगह पर सुबह उठकर नौकरी करने जाते हैं कैदी
हमारे भारत में जब भी कोई व्यक्ति कोई गुनाह करता है या यूँ कहे कि किसी तरह की चोरी करता है, या किसी की हत्या कर देता है तो उसे जेल भेजा जाता है. हर तरह के गुनाह के लिए अलग अलग कानून और जेल होती है. हर गुनाह के लिए अलग अलग तरह की सजा भी होती हैं. और कई साड़ी चीजें तो बड़ी हैरान करने वाली होती हैं. जैसे अगर बात करे उम्रकैद की तो उम्रकैद सिर्फ 14 साल की होती है. जेल में 24 घंटे में दो दिन होते हैं. लेकिन इन सभी कानून और सजा को अलग करके एक ऐसी जेल के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद अजीब है. इस जेल में न ही कोई सलाखे हैं और न ही किसी तरह की तालाबंदी अब आप सोचेंगे कि भला ये कैसे जेल हुई. तो आइये जानते हैं इस अनोखी जेल के बारे में विस्तार से....
भारत में ओपन जेल का यही अनोखा मॉडल है, जो परंपरागत जेलों से बिलकुल अलग है. इन जेलों का उद्देश्य कैदियों को सुधारना और समाज में वापस लाने की प्रक्रिया को आसान बनाना है. ओपन जेल, जिसे हिंदी में "खुली जेल" भी कहते हैं, कैदियों के पुनर्वास का एक अनोखा उदाहरण है. इस मॉडल में कैदियों को ज्यादा स्वतंत्रता दी जाती है, जिससे वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें. ओपन जेल भारत की जेल व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यहां केवल उन्हीं कैदियों को रखा जाता है, जिनका व्यवहार अच्छा होता है और जिन्होंने जेल के नियमों का पालन किया होता है. इन जेलों में कैदियों को दिनभर काम करने की अनुमति दी जाती है. वे सुबह उठते हैं, अपने काम पर जाते हैं, और शाम होते ही वापस जेल में लौट आते हैं. सबसे खास बात ये है कि इन जेलों में न तो सलाखें होती हैं, न ताले, और न ही भारी सुरक्षा. कैदियों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराया जाता है और उन पर भरोसा किया जाता है. हालांकि यह जेल खुला होता है, लेकिन कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. जेल में न लौटने पर सजा बढ़ाई जा सकती है.
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