लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, अखिलेश ने भाजपा की आलोचना की

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम न केवल एक गीत है, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरक नारा था, जिसने लाखों भारतीयों को एकजुट किया। अखिलेश ने कहा कि यह नारा लोगों को ऊर्जा देता था और ब्रिटिश शासन के दौरान, जब इसे प्रतिबंधित किया गया, तब भी यह हमारे दिलों में जीवित रहा। उनका कहना था कि आज सत्ता पक्ष इस महान धरोहर को अपने तरीके से अपनाने की कोशिश कर रहा है।

अखिलेश यादव ने वंदे मातरम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल गाने का विषय नहीं, बल्कि इसे जीवन में उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष इसे विभाजनकारी राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर यह भी आरोप लगाया कि पार्टी अपनी शुरुआत में ही वैचारिक भ्रम का शिकार थी और अब वह महापुरुषों की विरासत को अपने नाम करने की कोशिश कर रही है।

अखिलेश ने यह भी कहा कि जो लोग आज वंदे मातरम का सबसे ज्यादा जाप करते हैं, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कभी भाग नहीं लिया था। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि जिन लोगों ने कभी जयप्रकाश नारायण या बाबा साहेब अंबेडकर की विचारधारा को अपनाया नहीं, वे आज इन महापुरुषों की तस्वीरों का चुनावी लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि जो लोग आज राष्ट्रवाद की बात करते हैं, उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद न तो राष्ट्रगान को अपनाया और न ही वंदे मातरम को सही भावना से समझा। उन्होंने सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह प्राथमिक शिक्षा को नुकसान पहुंचा रही है और उत्तर प्रदेश में कई प्राथमिक स्कूलों को बंद किया जा रहा है, जो कि आजादी के बाद की एक बड़ी विडंबना है।

अखिलेश ने इस चर्चा को राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना को मजबूत करने का अवसर बताते हुए कहा कि वंदे मातरम की असली भावना नफरत नहीं, बल्कि एकता की है। उन्होंने अपील की कि हम सभी मिलकर देश को मजबूत करें और अपनी-अपनी सोच को दूसरों पर थोपने की कोशिश न करें।

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.