मुंह के बैक्टीरिया बन सकते हैं हार्ट अटैक की वजह!

वैज्ञानिकों ने मुंह के बैक्टीरिया (oral bacteria) और मुँह की सेहत की खराबी को दिल की बीमारियों, खासकर हार्ट अटैक, से जोड़ने वाले अध्ययन किए हैं। आइए मैं आसान भाषा में बताऊँ कि ये कैसे संभव हो सकता है, कौन से शोध मौजूद हैं, और आप अपने आप को कैसे बचा सकते हैं।
वैज्ञानिक तथ्य और शोध
गम डिज़ीज़ और सूजन (Periodontitis & Inflammation):
जब मसूड़ों में बैक्टीरिया की वजह से सूजन होती है, तो मसूड़ों की कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त होती हैं और रक्त में बैक्टीरिया ‒ या उनके अंश ‒ प्रवेश कर सकते हैं। ये रक्त वाहिकाओं की दीवारों में सूजन (inflammation) बढ़ा सकते हैं, जिससे आर्टरीज़ में प्लेक (plaque) बढ़ने का खतरा होता है।
मुंह के बैक्टीरिया अर्टरीज़ प्लेक में पाए गए:
हाल की एक फ़िनलैंड की स्टडी में, जो लोग अचानक हार्ट अटैक से मरे या आर्टरी की सर्जरी कराई, उनकी आर्टरीज़ की थक्कियों (plaques) में मुंह के सामान्य बैक्टीरिया जैसे viridans group streptococci के जीन (DNA) पाए गए।
ये संकेत है कि ये बैक्टीरिया सिर्फ मुंह में नहीं रहते, बल्कि कहीं से रक्त से आर्टरीज़ में प्रवेश कर सकते हैं और वहाँ सूजन या प्लेक ब्रेकडाउन (rupture) का कारण बन सकते हैं।
विशेष बैक्टीरिया जैसे Fusobacterium nucleatum का योगदान
एक अध्ययन में पाया गया कि इस बैक्टीरिया के संक्रमण / उपस्थिति से हार्ट डिज़ीज़ की घटनाओं का जोखिम थोड़ा बढ़ा हुआ था।
मुंह की सेहत खराब होने के बाद होने वाली अन्य समस्या:
उदाहरण के लिए, infective endocarditis जैसी स्थिति जो दिल की भीतरी झिल्ली (बहुत खास दिल के वाल्व या अंदरूनी हिस्से) को प्रभावित करती है, अक्सर मुंह के बैक्टीरिया की वजह से होती है।
क्या “मुंह के बैक्टीरिया = हमेशा हार्ट अटैक”?
यह कहना कि मुंह के बैक्टीरिया हर किसी को हार्ट अटैक दिलाएंगे, गलत होगा। ये सिर्फ एक जोखिम कारक है, अन्य जोखिमों के साथ मिलकर। जैसे कि:
उच्च रक्तचाप (High blood pressure)
कोलेस्ट्रॉल का ज़्यादा स्तर
धूम्रपान
मधुमेह (Diabetes)
मोटापा, जीवनशैली आदि
बैरिकेरिया का असर मुख्यतः तभी खतरनाक हो सकता है जब रोज़मर्रा की मौखिक स्वच्छता (oral hygiene) न हो, या जब मसूड़ों की सूजन बहुत अधिक हो, या अन्य स्वास्थ्य स्थितियाँ मौजूद हों।
आप क्या कर सकते हैं-बचाव के उपाय
यहाँ कुछ सामान्य लेकिन प्रभावी तरीके हैं, जिससे आप मुंह के बैक्टीरिया को नियंत्रण में रखकर हार्ट अटैक का जोखिम कम कर सकते हैं:
दाँत अच्छी तरह ब्रश करें-कम से कम दो बार दिन में (सुबह और रात को) फ्लोराइड टूथपेस्ट से।
फ्लॉसिंग / दाँत और मसूड़ों की सफाई:
दाँतों के बीच जमा प्लाक (plaque) और बैक्टीरिया को हटाना जरूरी है।
माहवारी दंत जांच (Dental checkup):
समय‑समय पर (शायद हर 6‑12 महीने) दाँतों और मसूड़ों की जांच करवाएँ। यदि मसूड़े लाल हों, सूजा हों, खून आए तो दंत चिकित्सक से मिलें।
स्वस्थ जीवनशैली:
संतुलित आहार, धूम्रपान से बचाव, नियमित व्यायाम, शर्करा और प्रोटीन‑वसा का संतुलन।
महत्वपूर्ण स्वास्थ्य स्थितियों का प्रबंधन:
यदि मधुमेह हो, रक्तचाप हो, कोलेस्ट्रॉल अधिक हो तो उन्हें नियंत्रित रखें।
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