बड़ी घोषणा: अब 1 अक्टूबर से पहले ही बेच सकेंगे फसल

केंद्र सरकार ने इस साल खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद को 1 अक्टूबर से पहले शुरू करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला विशेष रूप से उन राज्यों को राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है जहां फसलें समय से पहले तैयार हो जाती हैं और किसानों को मंडियों में अपनी उपज बेचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
खरीफ सीजन के तहत मुख्य रूप से धान, अरहर, मूंग, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, और कपास जैसी फसलें आती हैं। सामान्यतः इन फसलों की खरीद प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन इस वर्ष मानसून के अनुकूल रहने और बुवाई समय पर होने के कारण कई राज्यों में फसलें जल्दी पक चुकी हैं।
क्या कहा सरकार ने?
कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, "राज्य सरकारों के अनुरोध पर केंद्र ने तय किया है कि फसलों की कटाई के अनुसार खरीद प्रक्रिया पहले भी शुरू की जा सकती है। राज्य सरकारें अपनी तैयारियों के अनुसार भारतीय खाद्य निगम (FCI) और अन्य एजेंसियों के सहयोग से खरीद की तारीख तय कर सकती हैं।"
किसानों को होगा लाभ
इस फैसले से उन किसानों को राहत मिलेगी जो पहले ही अपनी फसलें काट चुके हैं और मंडियों में बेचने के लिए तैयार बैठे हैं। पहले खरीद न शुरू होने के कारण उन्हें औने-पौने दामों में उपज बेचनी पड़ती थी, जिससे उन्हें नुकसान होता था।
MSP पर होगी खरीद
सरकार ने पहले ही खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। इस निर्णय के बाद अब समय से पहले फसल बेचने वाले किसानों को भी MSP का लाभ मिलेगा।
राज्य सरकारों की भूमिका अहम
राज्य सरकारों को अपनी आवश्यकताओं और तैयारियों के आधार पर केंद्र को प्रस्ताव भेजना होगा। केंद्र सरकार तत्परता से अनुमोदन दे रही है ताकि किसी भी राज्य में किसान उपेक्षित न रहें।
केंद्र सरकार का यह कदम किसानों के हित में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। इससे न केवल किसानों को समय पर उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा, बल्कि मंडियों में भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति से भी बचा जा सकेगा।
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