पैरों में दिखते ये 6 संकेत बता सकते हैं आपकी सेहत का हाल, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी!

आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में सेहत का ध्यान रखना उतना आसान नहीं रह गया है। गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी आम हो गई है। कई बार हम शरीर में हो रही दिक्कतों के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, खासतौर पर जब ये संकेत हमारे पैरों में दिखते हैं।

पैर ना सिर्फ हमारे चलने-फिरने का आधार होते हैं, बल्कि ये हमारी सेहत से जुड़ी गंभीर समस्याओं का इशारा भी कर सकते हैं। झनझनाहट से लेकर सूजन और एड़ियों के फटने तक, पैरों में दिखने वाले कुछ लक्षणों को समय रहते पहचानना जरूरी है। आइए जानते हैं, पैरों में दिखने वाले कौन से 6 संकेत आपकी सेहत के लिए अलार्म बेल हो सकते हैं।

1. पैरों में सूजन (Swollen Feet/Ankles)
अगर आपके पैरों या टखनों में बार-बार या लगातार सूजन रहती है, तो ये दिल, किडनी या लिवर से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। विटामिन B12, फोलिक एसिड और प्रोटीन की कमी भी इसकी वजह बन सकती है। अगर सूजन के साथ लालिमा और दर्द हो, तो ब्लड क्लॉट होने की संभावना भी रहती है।

क्या करें?

पैरों को ऊंचाई पर रखकर आराम करें।

नमक का सेवन कम करें।

प्रोटीन और विटामिन्स से भरपूर डाइट लें।

ब्लड सर्कुलेशन के लिए हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।

2. टखनों में दर्द (Ankle Pain)
टखनों में दर्द केवल चोट या गठिया (Arthritis) से ही नहीं होता, बल्कि विटामिन D, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी भी इसकी वजह बन सकती है। मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों में दर्द की जड़ में भी यही कारण हो सकते हैं।

क्या करें?

डाइट में कैल्शियम, विटामिन D और मैग्नीशियम युक्त चीजें शामिल करें।

फिजियोथेरेपी और नियमित एक्सरसाइज से राहत मिल सकती है।

3. पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन (Tingling/Numbness in Feet)
बार-बार पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होना नसों में किसी समस्या का संकेत है। डायबिटीज़, विटामिन B12 और विटामिन E की कमी इसकी बड़ी वजह हो सकती है। मैग्नीशियम और पोटैशियम की कमी से भी यह समस्या हो सकती है।

क्या करें?

विटामिन और मिनरल्स की जांच कराएं।

संतुलित और पौष्टिक भोजन करें।

नंगे पैर चलने से बचें।

शराब और हानिकारक दवाओं के सेवन से बचें।

4. पैरों में नीली नसें उभरना (Varicose Veins)
अगर पैरों की नसें उभरी हुई और नीली दिखाई देने लगें तो ये नसों की कमजोरी का इशारा हो सकता है। विटामिन C और बायोफ्लेवोनॉयड्स की कमी, मोटापा और लंबे समय तक बैठे रहना भी इसका कारण बन सकते हैं।

क्या करें?

विटामिन C युक्त फल और सब्जियां खाएं।

रोजाना टहलने की आदत डालें।

जरूरत हो तो कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स का इस्तेमाल करें।

वजन नियंत्रित रखें।

5. एड़ियों की फटी त्वचा (Cracked Heels)
फटी एड़ियां केवल ड्राय स्किन की वजह से नहीं होतीं, बल्कि विटामिन A, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी भी इसकी बड़ी वजह हो सकती है। डायबिटीज और एक्जिमा भी स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं।

क्या करें?

एड़ियों को मॉइश्चराइज़ करें।

नंगे पैर चलने से परहेज करें।

ओमेगा-3 और जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

6. पैरों का ठंडा रहना (Cold Feet)
अगर आपके पैर अक्सर ठंडे रहते हैं, तो ये Peripheral Artery Disease (PAD), एनीमिया या थायरॉइड की समस्या का संकेत हो सकता है। तनाव और भूखमरी जैसी स्थितियां भी ब्लड सर्कुलेशन पर असर डालती हैं।

क्या करें?

थायरॉइड और आयरन लेवल की जांच कराएं।

धूम्रपान न करें।

पैरों को गर्म और ढककर रखें।

समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएं।

नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी समस्या की पुष्टि और इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

 

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