वीर शहीद सिद्धू-कान्हू को नमन कर कांग्रेस ने मनाया हूल क्रांति दिवस

पाकुड़ : कांग्रेस जिला अध्यक्ष श्रीकुमार सरकार ने कांग्रेस पदाधिकारियों एवं दर्जनों कार्यकर्ताओ के साथ सिद्धू-कान्हू पार्क पहुंचकर वीर शहीद सिद्धू-कान्हू की अदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। नमन करते हुए जिला अध्यक्ष श्रीकुमार सरकार ने कार्यकर्ताओ को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा की 1857 का सिपाही विद्रोह वस्तुतः राष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी शासन के विरूद्ध स्वतंत्रता की पहली लड़ाई मानी जाती है परंतु इसके पूर्व संथाल विद्रोह हुआ था कार्ल मार्क्स ने इस विद्रोह को ‘भारत का प्रथम जनक्रांति’ कहा था। श्री सरकार ने कहा अंग्रेजी हुकूमत की जड़ हिलाने वाले एवं स्वदेशी महाजन जमींदारी प्रथा को उखाड़ फेंकने वाले आपने शौर्य के बल पर पारंपरिक हथियारों से विदेशी हथियारों का सामना करने वाले महान क्रांतिकारी वीर शहीद आदिवासियों की संघर्ष गाथा है।जो सिद्धू-कान्हू की याद में हुल क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसे संथाल विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है। वही सिद्धू-कान्हू ने"अबुआ राज अबु दिशाेम"करो या मरो अंग्रेजो हमारी माटी छोड़ो का नारा दिया। जिसमें संथाल तीर-धनुष से लेस अंग्रेजो पर टुट पड़े थे।जिसमे कई हत्याएं हुई इससे अंग्रेजो में भय का माहौल बन गया।जिससे बचने के लिए पाकुड़ में मार्टिलो टावर का निर्माण कराया गया था जो आज भी पाकुड़ में स्थित है।आधुनिक हथियारो व गोला बारूद के बल पर अंग्रेजो ने इस मुठभेड़ में विजय तो प्राप्त कर ली परंतु इस विद्रोह ने अंग्रजी हुकूमत की जड़ें हिला दी। जिसके फलस्वरूप आज भी महान क्रांतिकारी वीर शहीद के रूप में सभी के दिलो में विराजित है। इसी कारण झारखंड में हुल दिवस महत्वपूर्ण समारोह को रूप में मनाया जाता है जो आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है। मौके पर पाकुड़ प्रखंड अध्यक्ष मंशारुल हक,विधायक प्रतिनिधि गुलाम अहमद,कोषाध्यक्ष अशद हुसैन,अल्पसंख्यक अध्यक्ष शाहीन परवेज,जिला महासचिव कृष्णा यादव,रामविलास महतो, नगर अध्यक्ष वंशराज गोप,सफीक अहमद, अहेदिन शेख, मीरजहन शेख, मानिक हसदा,ज़हरुल शेख,नजरुल शेख,मिथुन मरांडी,लाखफोर शेख,मो०बबलू,हंसनुज ज़माद,तैमूर आलम सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
रिपोर्टर : पंकज भगत
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