प्रोजेक्ट परख 2.0, 'बोलेगा पाकुड़' से बच्चों का क्षमता वर्धन के विकास में बन रहा सहायक.

पाकुड़ : उपायुक्त मनीष कुमार के मार्गदर्शन में प्रोजेक्ट परख 2.0 के तहत शिक्षा विभाग में विभिन्न कार्यक्रमों का संचालित किए जा रहे है। पिछले दिनों प्रोजेक्ट परख की बेहतरीन सफलता के पश्चात अब प्रोजेक्ट परख 2.0 अभी जारी है। इसके तहत माध्यमिक और इंटरमीडिएट के बच्चों के लिए प्रश्न बैंक के माध्यम से प्रश्नो को हल कराया जा रहा है। साथ ही सभी स्कूलों में साप्ताहिक परीक्षा का भी आयोजन किया जा रहा है। ताकि बच्चों का अधिगम स्तर की जांच हो सके। यदि कोई बच्चे किसी विषय में कमजोर है तो वैसे बच्चों को अतिरिक्त क्लास देकर उत्कृष्ट बनाया जा रहा है। प्रोजेक्ट परख के प्रथम संस्करण की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि माध्यमिक परीक्षा के परिणाम में पाकुड़ जिला पिछले वर्ष 2024 में 22 वें रैंक पर थी। प्रोजेक्ट परख आने से इस वर्ष पाकुड़ जिला मेट्रिक रिजल्ट में द्वितीय स्थान लाकर पूरे राज्य में अपना परचम लहराया है, इसी कड़ी में सभी विद्यालयों में फिर से स्कूल चले हम, पोषक क्षेत्र का भ्रमण,दरवाजा खट खटाओ, उपस्थिति बढ़ाओ, सिटी बजाओ, बोलेगा पाकुड़, बाल चौपाल, आज हमने क्या सीखा, तिथि भोजन सह जन्मोत्सव समेत कई कार्यक्रम विद्यालयों में संचालित किए जा रहे है। बोलेगा पाकुड़ के तहत बच्चे को प्रार्थना सभा में किसी भी विषय पर 2 मिनट स्वयं से बोलने का मौका दिया जा रहा है, जिससे बच्चों में किसी के सामने बोलने की झिझक टूट रही है। बाल चौपाल के तहत बच्चे वर्ग कक्ष में आपस में किसी टॉपिक पर चर्चा कर रहे है। जो आगे चलकर उनको प्रतियोगिता परीक्षा में ग्रुप डिस्कशन में सहायता करेगा। आज हमने क्या सीखा के तहत बच्चे स्कूल से घर जाकर अपने माता / पिता के समझ बता रहे है कि आज स्कूल में क्या क्या पढ़ाया गया है और वे क्या सीख पाए। इससे अभिभावक का भी रुझान सरकारी स्कूल के तरफ बढ़ा है। फिर से स्कूल चले के तहत वैसे सभी बच्चे तक शिक्षक, सीआरपी, बीआरपी, बीपीओ, माता समिति के सदस्य, प्रबंधन समिति के सदस्य, बाल संसद के सदस्य, वार्ड सदस्य, मुखिया आदि पहुंच रहे है और विद्यालय से बाहर हो गए बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ रहे है। पोषक क्षेत्रों में माइकिंग, गीत, प्रचार प्रसार किया जा रहा है। हिंदी, बंग्ला के साथ संथाली में भी बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। सिटी बजाओ कार्यक्रम के क्रम में बच्चे सुबह-सुबह स्कूल समय में स्कूल जाने के क्रम में सिटी बजाते हुए चलते है और सिटी की आवाज सुनकर बच्चे स्कूल के लिए निकल पड़ते है। इसका व्यापक प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में दिख रहा है। दरवाजा खट खटाओ के तहत शिक्षक, बाल संसद के सदस्य घरों का दरवाजे पर पहुंचकर बच्चों को स्कूल तक ला रहे है। साथ ही हर माह के 20 तारीख को सभी विद्यालयों में तिथि भोजन सह जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चों को विशेष , स्वादिष्ट, पौष्टिक भोजन मीनू से अलग बच्चों के बीच परोसा जा रहा है। साथ ही बच्चों और शिक्षकों का जन्मदिन भी केक काटकर मनाया जा रहा है, एक पेड़ मां के नाम और एक पेड़ बेटी के नाम कार्यक्रम भी बखूबी संचालित हो रहे है।उपरोक्त सभी कार्यक्रमों की निगरानी के लिए अलग- अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए है। जिसमें जिला प्रशासन के सभी पदाधिकारी जुड़े है। सबसे खास बात यह है कि स्वयं उपायुक्त महोदय भी सभी ग्रुपों में जुड़े हुए है और लगातार सभी को जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे है। उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यालयों, शिक्षकों, शिक्षा कर्मियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, पुरस्कृत भी किया जा रहा है, पाकुड़ जिला शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पूरे राज्य में एक अलग पहचान बनाते हुए आगे बढ़ रहा है.

रिपोर्टर :अभिषेक तिवारी  

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