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आम के पेड़ पर परिंदे की अनोखी कहानी, बच्चों की परवरिश में जुटा इंसान

पलामू : सतबरवा प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र  अंतर्गत   रबदा पंचायत  के ग्राम राँकी  खुर्द के निवासी बनारसी पासवान यानी कि आपका ही प्रखंड के सिटी न्यूज़ संवाददाता के आंगन में आम के पेड़ पर एक छोटी सी चिड़िया ने कुछ दिन पहले अपना घोंसला बनाया था, जिसमें उसने अंडे दिए और फिर बच्चे हुए। लेकिन एक अनजान कारण से माँ चिड़िया अपने बच्चों को छोड़कर चली गई। इस मार्मिक समय में उन्होंने ने  नन्हे पक्षियों की देखभाल के लिए प्रेरित किया, जो अब इन अनाथ बच्चों की परवरिश में जुटा है। बच्चों को भोजन तीनों टाइम उपलब्ध कराया जाता है सुबह शाम 12:00 अब इन नन्हे पक्षियों का आशियाना उनका घर आंगन बना हुआ है यहां तक की बच्चों के मां-बाप आना शुरू की है आम के डालियों बैठी रहती है आवाज देती है अपने बच्चों को और बच्चों अपनी ही भाषा मे मां को भी प्यार जताते हैं तो मैं ठीक हूं यहीं पर हूं। देखा कि माँ चिड़िया अचानक गायब हो गई, और ये छोटे-छोटे बच्चे भूख से चीं-चीं कर रहे थे। मैंने सोचा कि इनकी मदद करना मेरा फर्ज है।" पक्षियों के बच्चों को छोड़कर चले जाना असामान्य नहीं है, लेकिन इंसानों का इस तरह उनकी देखभाल करना वाकई प्रेरणादायक है। इन बच्चों को प्राकृतिक भोजन और सुरक्षित माहौल देना जरूरी है ताकि वे स्वस्थ होकर उड़ सकें। इन नन्हे पक्षियों की मासूमियत और आपकी देखभाल की भावना साफ झलकती है। यह कहानी न केवल प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि छोटे-छोटे प्रयास कितना बड़ा बदलाव ला सकते हैं। अगर आप भी इस कहानी से प्रेरित हैं या इन पक्षियों की मदद के लिए कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो अपने विचार हमारे साथ साझा करें। 

रिपोर्टर : बिक्रम यादव

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