भगवान शिव को जल अर्पित करने और बोल बम के नारे लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है-कांवरिया

पलामू : सतबरवा प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र अंतर्गत खामडीह में कांवरिया का निकला जत्था।  बोल बम के नारे  से गूंज उठा गांव /कस्बा ,सभी कांवरिया में खुशी का लहर।

बोल बम का रहस्य:
भगवान शिव का मंत्र:
"बम" शब्द भगवान शिव का एक  मंत्र है । मंत्र बोलने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।"बोल बम" के नारे लगाने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे कांवड़ियों को पैदल यात्रा करने में आसानी होती है।
कठिन यात्रा को आसान बनाना: यह उद्घोष कांवड़ियों को अपनी शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों को पार करने में मदद करता है, जिससे वे बाबा बैद्यनाथ (देवघर) तक की यात्रा आसानी से पूरी कर पाते हैं। 
भगवान शिव की कृपा: माना जाता है कि "बोल बम" का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं।

कथा: 
एक पौराणिक कथा के अनुसार, राजा दक्ष के यज्ञ में माता सती ने आत्मदाह कर लिया था, जिससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने राजा दक्ष का गला काट दिया था. बाद में, भगवान शिव ने राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाकर जीवित किया. राजा दक्ष के मुख से पहला शब्द "बम" निकला था, जिसे सुनकर भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए थे. तभी से "बम-बम" या "बोल बम" का जाप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

जल चढ़ाने के क्या है रहस्य ? 

प्रत्येक वर्ष श्रावण के महीने में विशेष रूप से देवघर (झारखंड) में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पवित्र जल चढ़ाने के लिए की जाती है। कांवड़िये गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से जल भरकर लाते हैं और उसे बाबा बैद्यनाथ मंदिर में चढ़ाते हैं. इस यात्रा के दौरान, "बोल बम" का नारे लगा कर पूरा सड़के कांवड़ियों के लिए एक आध्यात्मिक मंत्र और शक्ति का स्रोत बन जाता है।

रिपोर्टर : विक्रम यादव 

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