शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा जाने पूरी विधि और धार्मिक महत्व

पलामू : नवरात्रि के दूसरे दिन पूजी जाने वाली   मां ब्रह्राचारिणी की पूजा-उपासना होती है। मां दुर्गा के नौ शक्तियों में देवी ब्रह्राचारिणी का दूसरा स्वरूप है। ब्रह्राचारिणी दो शब्दो से मिलकर बना है। 'ब्रह्रा' का मतलब घोर तपस्या से है और ' चारिणी' का अर्थ होता है आचरण से। यानी माता का दूसरा स्वरूप तप का आचरण करने से होता है। धार्मिक मान्याओं के  अनुसार नवरात्रि के दूसरे दिन मां के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन,संपत्ति और सुख की कमी नहीं होती है। मां दुर्गा के 9  शक्तियों के इस दूसरे स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी ने अपने पूर्व जन्म में जब हिमालय के घर में पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं तब नारद के उपदेश से इन्होने भगवान शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए अत्यंत कठिन तपस्या की थी। इस कठोर तपस्या के कारण इन्हें तपस्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से समस्त जगत में पूजा जाता है। 

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कैसे करें

 हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के दूसरे दिन साधक  को प्राप्त कल जल्दी उठकर सबसे पहले दैनिक कार्यों से निवृन्त होने  के बाद स्नान ध्यान करना चाहिए इसके स्वच्छ वस्त्र धारण करके सबसे पहले  मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करते हुए उनके व्रत जप और विधि विधान से पूजन का संकल्प लेना चाहिए हिंदू मान्यता के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी को सफेद दिया गुलाबी रंग सत्यंत ही प्रिया है ऐसे में साधक को इसी रंग के कपड़े पहनने का प्रयास करना चाहिए इसके बाद अपने पूजा स्थान अथवा ईशान कोण मे मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा या फिर चित्र रखकर फल फूल धूप दीप कुमकुम अक्षत नारियल बताशा  मिष्ठान आदि अर्पित करना चाहिए 

 मां ब्रह्मचारिणी को किस चीज का लगे भोग

 नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा में उन्हें प्रसन्न करने के लिए साधक को विशेष रूप से मीठे पकवान बनाकर भोग लगाना चाहिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में दूध मिश्री से बनी मिठाइयां या फिर  पंचामृत को चढ़ाना शुभ माना जाता है 

मां ब्रह्राचारिणी का स्वरूप कैसा है

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सुंदर और ममतामय है। वह सफेद रंग की साड़ी धारण करती हैं उनके एक हाथ में कमंडल और एक हाथ में माला है। माता ब्रह्मचारिणी अपनी पूजन-अर्चन करने वाले भक्त को ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं और उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है।

 मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र 

हिंदू मान्यता के अनुसार देवी पूजा में मंत्र जप का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. ऐसे में शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः" का जप अवश्य करें. माता के मंत्र का जप करते समय अपने हाथ में पुष्प और अक्षत अवश्य रखें. मंत्र जप के बाद उसे देवी के चरणो में समर्पित कर दें. इसके बाद माता की विशेष आरती करने के बाद पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा और पूरे परिवार के लिए आशीर्वाद मांगे

 मां ब्रह्मचारिणी शुभ रंग 

 नवरात्रि के दूसरे दिन  नीला हरा या  सफेग रंग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए

मां ब्रह्मचारिणी की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने अपने पूर्व जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। माता अपनी तपस्या के दौरान केवल फल-फूल खाकर जीवित रहीं और कभी-कभी पत्तों का भोजन करती थीं। उनकी तपस्या इतनी कठोर थी कि उन्हें "ब्रह्मचारिणी" नाम से जाना गया। माता पार्वती ने अपनी निष्ठा और तपस्या से भगवान शिव को प्रसन्न किया और अंततः उन्हें पति रूप में प्राप्त किया।

मां ब्रह्राचारिणी की पूजा-आराधना से प्राप्त होने वाला फल

देवी दुर्गा के साधक नवरात्रि के दूसरे दिन अपने मन को स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित करते हैं और मां की कृपा प्राप्त करते हैं। मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती हैं। इनकी आराधना से अनंत फल की प्राप्ति की प्राप्ति होती हैं।  मां ब्रह्राचारिणी की पूजा-आराधना से जीवन के कठिन संघर्षों में भी व्यक्ति अपने कर्तव्य से विचलित नहीं होता।

माता ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।

जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।

आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।

रिपोर्टर : विक्रम यादव 

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