मनरेगा को खत्म कर “विकसित भारत -जी राम जी” बिल लाये जाने के खिलाफ। विरोध प्रदर्शन किया गया।
पलामू : जिला अंतर्गत नावा बाजार प्रखंड क्षेत्र के कंडा गाँधी आश्रम के सामने सैकडो लोगों ने “विकसित भारत -जी राम जी” बिल लाये जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ग्राम स्वशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नरेगा वाच से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता जवाहर मेहता ने बताया की केंद्र मनरेगा के स्थान पर एक नया बिल लायी है जिसका नाम विकसित भारत -गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण ) जिसे संक्षेप में वी बी - जी राम जी कहा जायेगा. यह उन ग्रामीण क्षेत्रो में लागू होगा जिसे केंद्र सरकार अधिसूचित करेगा तथा काम का बजट हर राज्य के लिए केंद्र सरकार निर्धारित करेगा. मनरेगा में मजदूरी की पूरी राशि केंद्र सरकार को देना पडता था पर इसमें केंद्र एवं राज्य का अंश 60:40 रखा गया है. कृषि कार्यों के दौरान 60 दिन काम नहीं दिया जायेगा. इस अधिनियम के अंतर्गत योजना को केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर कुमार सिंह ने कहा की इस बिल के माध्यम से ग्राम सभाओं, मजदूरों और राज्यों से शक्ति को छीनकर केंद्र सरकार अपने हाथों में केंद्रित करना चाहती है जो संविधान के भावना एवं लोकतंत्र के खिलाफ है. इस बिल में मनरेगा के आत्मा को निकाल दिया गया है.
ग्राम स्वशासन अभियान से जुड़े अनिल पासवान ने कहा की यह बिल श्रमिकों एवं आम लोगों द्वारा संघर्षो से जीती गयी लोकतान्त्रिक अधिकार और संवैधानिक गारंटी को वापस लेता है. अवध सिंह ने कहा की इस बिल के जरिये राज्यों पर बजट के माध्यम से बोझ डाला जा रहा है. ग्राम कोरटा के मनरेगा मजदूर सुनारवा देवी ने कही की मनरेगा हमें अधिकार के साथ काम देने वाल कानून है. बिना अधिकार वाले जी राम जी कानून का कोइ मतलब नहीं है और हम इसका विरोध करती हूँ. सरौना गांव की महिला सबिता देवी कही की हमारा रोजी रोटी के लिए मनरेगा ठीक है. बेकार की कानून नहीं चाहिए. इसके आलवे कार्यक्रम में मुनेश्वर सिंह , प्रदीप सिंह, बबलू चौधरी , श्री राम प्रजापति , विमला देवी , राजमुनी सिंह, रूबी देवी, मिथलेश सिंह ने अपनी बात रखकर विल का विरोध किया. सभी लोगों ने एक मत से इस बिल को ख़ारिज किया और कहा की हमें मनरेगा के अलावे कोइ भी नया नाम वाला और न काम वाला कानून नहीं चाहिए.
रिपोर्टर : मिथिलेश विश्वकर्मा

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