पंकज चौधरी के नाम पर मुहर, जानिए भाजपा की रणनीति...

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी। एक साल से ज्यादा वक्त तक प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर कयास लगाए जाते रहे। कई दावेदार सामने आए, लेकिन पंकज चौधरी का नाम अचानक चर्चा में आया, और केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली और लखनऊ में चली बैठकों के बाद उनके नाम पर मुहर लगा दी।

ओबीसी वर्ग की अहमियत और भाजपा की रणनीति-

भाजपा का अगला टारगेट 2027 का विधानसभा चुनाव है, और इसके लिए सबसे बड़ी आबादी, यानी ओबीसी वोटरों को अपने पक्ष में करना अहम है। खासकर, यादवों के प्रभावशाली वोटबैंक के बाद कुर्मी जाति भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। यह वर्ग खासकर अवध, बुंदेलखंड और पूर्वांचल में महत्वपूर्ण सीटों पर असर डालता है। पार्टी ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर कुर्मी समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने की योजना बनाई है। इससे पहले भी भाजपा ने कुर्मी चेहरों पर दांव लगाया है, जैसे कि ओम प्रकाश सिंह, विनय कटियार और स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना था। अब पंकज चौधरी चौथे कुर्मी नेता होंगे जो प्रदेश अध्यक्ष बने हैं।

ओबीसी वोटरों का भाजपा के पक्ष में बढ़ता समर्थन-

भाजपा यह जानती है कि जब भी ओबीसी वर्ग उसके साथ आया, पार्टी को चुनावी सफलता मिली है। उदाहरण के तौर पर, भाजपा ने कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री चेहरा बनाकर सत्ता हासिल की थी। इसके बाद भाजपा को 14 साल तक सत्ता से बाहर रहना पड़ा, लेकिन पार्टी ने ओबीसी वोटरों के साथ अपने रिश्ते को फिर से मजबूत किया। विशेषकर कुर्मी और लोध वोटबैंक पर पार्टी ने फोकस किया है, जो ओबीसी वोटरों में सबसे प्रभावशाली और बड़ी जातियां मानी जाती हैं।

सपा की पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (PDA) रणनीति का जवाब-

सपा पिछले लोकसभा चुनाव से लगातार पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को साधने की रणनीति अपना रही है, जो उसे 37 सीटें दिलाने में मददगार साबित हुई थी। भाजपा को यह महसूस हुआ कि कुर्मी वोटर उसकी तरफ से सपा की तरफ रूझान कर गए थे, और ऐसे में पार्टी ने इस वोटबैंक को वापस लाने के लिए पंकज चौधरी जैसे कुर्मी चेहरे को प्रमुख भूमिका में रखा।

अपना दल के लिए भाजपा की नई पहल-

यूं तो भाजपा के साथ अपना दल की अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल जैसे नेता हैं, जो गठबंधन में शामिल हैं और सरकार का हिस्सा हैं। फिर भी भाजपा की कोशिश है कि वह इस वर्ग से अपना चेहरा तैयार करे। पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर भाजपा कुर्मी समुदाय के बीच अपना चेहरा प्रस्तुत करने की योजना में है, ताकि 2027 में यह वोटबैंक भाजपा के पक्ष में आ सके।

गोरखपुर से तीसरे प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति-

पंकज चौधरी गोरखपुर मंडल से तीसरे व्यक्ति होंगे जिन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले देवरिया के सांसद रमापति राम त्रिपाठी (2007-2010) और गोरखपुर के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही (2010-2012) प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। पंकज चौधरी की नियुक्ति पार्टी के लिए गोरखपुर मंडल में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

पंकज चौधरी की नियुक्ति भाजपा के लिए आगामी चुनावों की दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। उनके नेतृत्व में भाजपा कुर्मी वर्ग के समर्थन को अपनी चुनावी जीत का आधार बनाने की कोशिश करेगी। 2027 विधानसभा चुनाव के दृष्टिकोण से भाजपा ने ओबीसी और कुर्मी वर्ग को साधने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है, और अब पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर यह रणनीति और भी मजबूत की है।

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