2027 की तैयारी में बीजेपी, प्रदेश कार्यकारिणी के जरिए साधेगी सामाजिक-क्षेत्रीय संतुलन-
BY - PRAKHAR SHUKLA
2027 की तैयारी में बीजेपी, प्रदेश कार्यकारिणी के जरिए साधेगी सामाजिक-क्षेत्रीय संतुलन-
उत्तर प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के चयन के बाद भारतीय जनता पार्टी की अगली बड़ी कवायद प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर शुरू हो गई है। वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठनात्मक ढांचे के जरिए सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन का स्पष्ट राजनीतिक संदेश देने की तैयारी में है। लखनऊ में इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
गैर ओबीसी नेताओं को मिलने जा रहा दमदार मौका-
प्रदेश कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री और मोर्चा प्रभारियों के चयन में ओबीसी, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, महिला और युवा वर्ग को मजबूत प्रतिनिधित्व देने पर जोर रहेगा। गैर-यादव ओबीसी समाज जैसे कुर्मी, लोध, मौर्य, सैनी, निषाद और राजभर समुदाय से जुड़े नेताओं को अहम जिम्मेदारियां मिलने की संभावना है। वहीं, पार्टी अपने कोर वोट बैंक ठाकुर, ब्राह्मण और वैश्य वर्ग के प्रभावशाली चेहरों को भी संगठन में शामिल करेगी।
डबल इंजन सरकार के सन्देश को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाएगी सरकार-
अब तक सरकार और संगठन का केंद्र पूर्वांचल रहा है, लेकिन नई टीम में पश्चिम यूपी, बुंदेलखंड, अवध और ब्रज क्षेत्र को अधिक प्रतिनिधित्व देने की रणनीति पर काम हो रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों में पार्टी को नुकसान हुआ, वहां संगठन को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भाजपा अनुभवी और युवा नेताओं के संतुलन के साथ ऐसे कार्यकर्ताओं को आगे लाएगी, जिनकी पकड़ बूथ और मंडल स्तर तक मजबूत हो। पार्टी नेतृत्व का फोकस संगठन और सरकार के बेहतर तालमेल के जरिए ‘डबल इंजन सरकार’ के संदेश को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने पर है।

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