पापमोचनी एकादशी.....जब एक व्रत से कट सकते है आपके सारे पाप

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यधिक महत्व है, और यह तिथि भगवान श्री विष्णु को समर्पित होती है। एकादशी के दिन भक्तिपूर्वक व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर साल भक्त 24 एकादशी व्रत रखते हैं, जिनमें से पापमोचनी एकादशी विशेष रूप से अहम मानी जाती है। यह व्रत विशेष रूप से चैत्र माह में रखा जाता है, और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

पापमोचनी एकादशी का महत्व -

पापमोचनी एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति का प्रमुख उपाय है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत रखने से भक्तों को न केवल पापों से छुटकारा मिलता है, बल्कि मोक्ष की दिशा में भी एक कदम बढ़ते हैं। पापमोचनी एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सारे दुख दूर होते हैं।

इस दिन व्रत के पारण की सही विधि जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सही विधि से पारण करने पर पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।

पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण: शुभ मुहूर्त और विधि

पापमोचनी एकादशी का व्रत आज से शुरू हो चुका है और इस तिथि का समापन कल 26 मार्च को होगा। कल, 26 मार्च को द्वादशी तिथि में पापमोचनी एकादशी के व्रत का पारण किया जाएगा। इसके लिए शुभ मुहूर्त का समय दोपहर 1:41 बजे से लेकर शाम 4:08 बजे तक रहेगा। इस समय के बीच पारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

पापमोचनी एकादशी व्रत विधि

स्नान और व्रत संकल्प: पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। तत्पश्चात व्रत का संकल्प लें और भगवान श्री विष्णु के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करें।

पूजा स्थल की सफाई: फिर पूजा स्थल की सफाई करें और वहां गंगाजल छिड़कें। यह स्थान को शुद्ध करने का कार्य करता है।

भगवान विष्णु का पूजन: षोडशोपचार विधि से भगवान विष्णु का पूजन करें। इस पूजा में विशेष रूप से पापमोचनी एकादशी की कथा, भगवद गीता और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। साथ ही, भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

व्रत का भोजन: व्रत के दौरान दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि का सेवन करें। तामसिक और नशीली चीजों से बचें।

दान और पूजन: व्रत के दौरान दान करना बहुत ही पुण्यकारी होता है। शाम को पुनः विधिपूर्वक भगवान विष्णु का पूजन करें और फलाहार करें। रात्रि को जागरण करें, भगवान के भजनों का संगीतमय आनंद लें।

व्रत पारण की विधि

स्नान और पूजा: द्वादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा करें। उनके सामने देसी घी का दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें।

भोग और व्रत पारण: भगवान को फल, मिठाई, और अन्य नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में तुलसी मिश्रित जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें।

दान और पुण्य: पारण के बाद दान करें। यह क्रिया पुण्य के रास्ते को खोलती है और आपके पापों का नाश करती है।

पापमोचनी एकादशी का व्रत न केवल शारीरिक शुद्धि करता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का भी मार्ग खोलता है। इसके द्वारा आप अपने पापों से मुक्ति पाकर भगवान श्री विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, जो आपको जीवन के सभी संकटों से पार करता है....इस पवित्र अवसर पर भगवान श्री विष्णु की पूजा और पारण विधि का पालन करके आप अपने जीवन को पुण्य और खुशहाली से भर सकते हैं।

 

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