अब पराली नहीं जलाएं, पशुओं का आहार बनाएं!

हर साल फसल कटाई के बाद किसानों को पराली (फसल का ठूंठ और सूखा हिस्सा) जलानी पड़ती है, जिससे प्रदूषण फैलता है और मिट्टी की गुणवत्ता भी खराब होती है। लेकिन अगर चाहें, तो यही पराली पशुओं के लिए एक पौष्टिक आहार में बदली जा सकती है। इससे न सिर्फ पशुओं को सस्ता और पोषक चारा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा होगी। हम बता रहे हैं पराली से पशु आहार बनाने का आसान तरीका:

पराली से पशु आहार बनाने की विधि:

1. पराली इकट्ठा करना और काटना:

गेहूं, धान या मक्का की पराली को इकट्ठा करें।
इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें (1 से 2 इंच) ताकि पशु आसानी से खा सकें।

2. यूरिया ट्रीटमेंट (Urea Treatment) – पौष्टिकता बढ़ाने का तरीका:

पराली में प्राकृतिक रूप से प्रोटीन कम होता है। यूरिया ट्रीटमेंट से इसमें प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।

सामग्री:

100 किग्रा सूखी पराली
1 किग्रा यूरिया
40-50 लीटर पानी

विधि:

पानी में यूरिया अच्छी तरह घोल लें।
इस घोल को पराली पर छिड़कें और पराली को अच्छे से मिलाएं ताकि नमी समान रूप से फैल जाए।
अब इस पराली को प्लास्टिक शीट से ढक दें और कम से कम 7-10 दिन तक बंद रखें।
तय समय के बाद पराली को खोलें – अब यह नरम, गंधरहित और प्रोटीन से भरपूर चारा बन चुका है।

नोट: इस्तेमाल से पहले यूरिया ट्रीटेड पराली को 1-2 घंटे खुली हवा में छोड़ दें।

अतिरिक्त सुझाव:

पराली को दानेदार चारा (जैसे चना, मक्का, खली) के साथ मिलाकर दें, ताकि संतुलित आहार बन सके।
गुड़ या नमक मिलाने से स्वाद और ऊर्जा दोनों बढ़ती है।
चाहें तो इसमें कुछ हरा चारा भी मिला सकते हैं।

इसके फायदे:

पर्यावरण प्रदूषण में कमी
सस्ता और पौष्टिक चारा
मिट्टी की उर्वरता की रक्षा
पशुओं की दूध देने की क्षमता में वृद्धि

पराली को जलाने की बजाय इसका उपयोग पशुओं के लिए आहार बनाने में करना न सिर्फ पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि किसान की आर्थिक स्थिति के लिए भी फायदेमंद है। थोड़ी सी मेहनत और जानकारी से आप पराली को “कचरे” से “खजाने” में बदल सकते हैं।

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