ज़रूरत से ज़्यादा जिद्दी हो गया है बच्चा? कहीं आप तो नहीं कर रहे ये 3 पेरेंटिंग मिस्टेक्स?

अगर आपका बच्चा हर बात पर अड़ने लगा है, छोटी बातों पर नाराज हो जाता है, या हमेशा ‘ना’ में जवाब देता है, तो यह सिर्फ उसकी जिद नहीं—शायद आपकी कुछ अनजानी आदतों का नतीजा है। कई बार माता-पिता प्यार में ऐसी चीजें कर बैठते हैं जो बच्चों के व्यवहार पर गलत असर डालती हैं। आइए जानते हैं वो 3 बड़ी पेरेंटिंग गलतियां, जो बच्चों को ज़रूरत से ज़्यादा जिद्दी बना देती हैं।
1. हर बार बच्चे की जिद मान लेना
बच्चों को खुश रखने के लिए उनकी हर मांग पूरी कर देना, उन्हें यह सिखा देता है कि गुस्सा या रोकर वो सब कुछ हासिल कर सकते हैं। यह आदत धीरे-धीरे उन्हें और जिद्दी बना देती है। ऐसे में ज़रूरी है कि आप भी ‘ना’ कहना सीखें। बच्चे को समझाएं कि हर इच्छा पूरी नहीं हो सकती, और इसके पीछे वजह भी बताएं।
2. बच्चे को समय और ध्यान न देना
जब पेरेंट्स अपने बच्चे को पर्याप्त ध्यान नहीं देते, तो बच्चा आपका अटेंशन पाने के लिए जिद करना शुरू कर देता है। अगर उसे महसूस हो कि जिद करने से आप उसकी बात सुनते हैं, तो वो यही तरीका बार-बार अपनाएगा। हल यही है कि रोज़ाना कुछ समय सिर्फ बच्चे के लिए निकालें—उससे बात करें, खेलें और उसकी बातें ध्यान से सुनें।
3. कभी हां, कभी ना: नियमों में अस्थिरता
अगर आप आज किसी बात के लिए मना कर देते हैं और कल वही बात मान लेते हैं, तो बच्चा भ्रमित हो जाता है। उसे यह समझ नहीं आता कि सही क्या है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे एक-जुट होकर नियम तय करें और उनका पालन करें। साथ ही, बच्चे के सामने कभी एक-दूसरे से असहमति न दिखाएं।
बच्चों की परवरिश आसान नहीं होती, लेकिन कुछ छोटी-छोटी बातें ध्यान में रखकर आप उन्हें संतुलित और समझदार बना सकते हैं। प्यार के साथ-साथ अनुशासन भी ज़रूरी है—ताकि बच्चा न सिर्फ आपके प्यार को समझे, बल्कि सही-गलत में फर्क करना भी सीखे।
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