पर्यटन क्षेत्र से बनेगा उत्तरप्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाली अर्थव्यवस्था

पर्यटन क्षेत्र से बनेगा उत्तरप्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाली अर्थव्यवस्था
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर्यटन क्षेत्र को बेहतर और उन्नत बनाने के लिए लगातार काम कर रही है और पर्यटन ही वह क्षेत्र है जिसके साथ होने से उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाली अर्थव्यवस्था बन जायगा। ये बात उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ की इकोनॉमी बनाने के लिए गए संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए कही। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह आज गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं, सांस्कृतिक विरासतों को वैश्विक मंत्र पर बढ़ावा देने की विभिन्न रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पर्यटन सेक्टर में निवेश आकर्षित करने एवं रोजगार सृजन करने तथा पर्यटन सेक्टर से जुड़े कारोबारियों को पर्यटन नीति 2022 में की गई सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार एवं प्रसार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू पर्यटन के मामले में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। इसी प्रकार विदेशी पर्यटकों के मामले में भी प्रयास करना चाहिए कि हम प्रथम स्थान पर रहे।
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सभी सेक्टरों के संसाधनों को अधिकतम गति दे कर इस संकल्प को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग में निवेश एवं रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन विभाग ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़कर वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकता है। पर्यटन एक उभरता हुआ आर्थिक स्रोत है। कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है। इसकों देखते हुए पर्यटन विभाग अपनी सामर्थ्य एवं क्षमता के बूते पर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को गति देने में पूरी तरह सक्षम है। इसलिए विभागीय अधिकारी पर्यटन सेक्टर को रोजगार, निवेश तथा कारोबार का एक मजबूत जरिया बनाने का हरसंभव प्रयास करें।
इस मौके पर पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटकों को अधिकतम समय तक उत्तर प्रदेश में ठहराव के लिए अवस्थापना सुविधाएं तथा कमरों की व्यवस्था की जानी चाहिए। काशी, अयोध्या, मथुरा तथा कुशीनगर पर्यटन स्थलों पर अवस्थापना सुविधाएं बेहतर किए जाने से देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ी है। धार्मिक पर्यटन एवं बुद्धिस्ट सर्किट में श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ा है, इससे पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों को कारोबार मिला है। साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। इस तरह प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में पर्यटन सेक्टर का योगदान बढ़ा है। प्रदेश में आने वाला प्रति पर्यटक जो विश्राम कर रहा है वह औसतन 5400 रुपये व्यय कर रहा है। लम्बे समय तक निवास करने वाले पर्यटक 7500 रुपये खर्च कर रहे हैं।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रूकने वाले पर्यटकों की संख्या 40.81 प्रतिशत है। एक जिले से अन्य जनपदों के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने वालों की संख्या 80.31 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। आने वाले पर्यटकों में सर्वाधिक संख्या आन्ध्र प्रदेश राज्य की रही। इसी प्रकार विदेशी पर्यटकों में सबसे अधिक संख्या थाईलैण्ड से आने वालों की है। जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर कोरिया और म्याम्मार की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 65 करोड़ पर्यटक धार्मिक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किए जो एक रिकॉर्ड है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए 130 करोड़ पर्यटकों के आने की संभावना है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या देखते हुए होटलों में 1 लाख अतिरिक्त कमरे उपलब्ध कराये गये हैं। इसके अलावा बेहतर कनेक्टिविटी ने सभी महत्वपूर्ण स्थलों तक पर्यटकों की पहुंच आसान की है।
इस बैठक में प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ तक पहुंचाने के लिए कंसल्टेंसी फर्म डेलॉयट ने एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें एआई की मदद से पर्यटकों की गिनती करने और भविष्य की रणनीति जानकारी दी गई। बैठक में उपस्थित मा0 मुख्यमंत्री जी के सलाहकार श्री अवनीश अवस्थी ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए तथा कंसल्टेंसी कम्पनी को निर्देश दिए कि पर्यटन सेक्टर का अधिकतम योगदान प्राप्त करने के लिए इससे और बेहतर क्या किया जा सकता है, इस पर भी गम्भीरता से विचार किया जाए। इस बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव ईशा प्रिया, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा, पर्यटन सलाकार जे0पी0 सिंह के अलावा विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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