ब्राइड्समेड बनने की बड़ी कीमत! दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए चुकाने पड़ेंगे 70,000 रुपये?

ESHITA 

क्या आपने कभी सुना है कि शादी में ब्राइड्समेड बनने के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ें? एक महिला के साथ ऐसा ही हुआ, जब उसकी बचपन की दोस्त ने उसे अपनी शादी में ब्राइड्समेड बनने का न्योता दिया। शुरुआत में वह बेहद उत्साहित थी, लेकिन जब उसे खर्चों की लिस्ट मिली, तो उसकी खुशी काफूर हो गई।

खुशी से शुरू हुई कहानी में आया ट्विस्ट!

शादी में करीबी दोस्त के ब्राइड्समेड बनने का मौका मिलना किसी गर्व से कम नहीं होता, लेकिन जब इस खुशी की कीमत भारी-भरकम रकम के रूप में चुकानी पड़े, तो कोई भी सोचने पर मजबूर हो जाएगा।

इस महिला ने भी खुशी-खुशी अपने दोस्त मेगन की शादी में ब्राइड्समेड बनने के लिए हामी भर दी। लेकिन कुछ हफ्तों बाद, उसे एक ईमेल मिला, जिसमें शादी से जुड़े सभी खर्चों की जानकारी थी। इस खर्च को देखने के बाद उसकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा।

70,000 रुपये का भारी खर्च – क्या वाकई इतना जरूरी है?
इस स्प्रेडशीट में कुछ खास खर्चे शामिल थे:

ब्राइड्समेड ड्रेस
हेयर और मेकअप
दुल्हन के लिए गिफ्ट
बैचलरेट पार्टी का एडवांस
अन्य अप्रत्याशित खर्च

जब महिला ने सभी खर्चों को जोड़ा, तो यह 70,000 रुपये तक पहुंच गया। यह देखकर उसने दुल्हन मेगन से बात की और बताया कि वह इतनी बड़ी रकम खर्च नहीं कर सकती। वह पहले से ही अपने स्टूडेंट लोन चुकाने और बचत करने में लगी थी।

लेकिन मेगन ने किसी भी तरह की रियायत देने से इनकार कर दिया। उसने कहा, "यह खर्च आधुनिक शादियों में सामान्य हैं। अगर तुम मेरी शादी का खर्च नहीं उठा सकती, तो कोई बात नहीं, लेकिन मैं अपनी पूरी प्लानिंग सिर्फ एक के लिए नहीं बदल सकती।"

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस – क्या दोस्ती से ज्यादा जरूरी है पैसा?

जब यह मामला सोशल मीडिया पर सामने आया, तो लोगों ने मेगन को जमकर ट्रोल किया।

 एक यूजर ने लिखा, "अगर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता, तो इसे स्वीकार करना चाहिए। दोस्ती का मतलब एक-दूसरे की परेशानियों को समझना होता है, न कि उन पर दबाव डालना।"

 दूसरे ने कहा, "यह शादी है या कोई बिज़नेस डील? ब्राइड्समेड बनने के लिए इतना बड़ा खर्च मांगना पूरी तरह से गलत है!"

 किसी ने मेगन को 'ब्राइडज़िला' तक कह दिया और लिखा, "सच्ची दोस्ती में सहानुभूति होती है, न कि पैसों का बोझ!"

क्या शादी की परंपराएं अब बोझ बन रही हैं?

यह घटना सवाल खड़ा करती है – क्या आधुनिक शादियों की परंपराएं अब इतनी महंगी हो गई हैं कि वे दोस्ती और रिश्तों पर भारी पड़ने लगी हैं? क्या ब्राइड्समेड बनने के लिए इतना खर्च वाकई जरूरी है?

आपका क्या मानना है – क्या यह दुल्हन की जायज मांग थी या फिर दोस्ती की परीक्षा? 

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