PCOD -समस्या और समाधान- प्रसिद्ध गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार के साथ

PCOD -समस्या और समाधान- प्रसिद्ध गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार के साथ
आज के समय में महिलाओं से जुडी तमाम बीमारियां सामने आ रही और सबसे बड़ी बात कि जानकारी के अभाव और लापरवाही के चलते कई बार छोटी समस्याएं भी बड़ा रूप ले लेती हैं। आजकल एक समस्या आमतौर पर महिलाओँ में देखी जा रही है और वो समस्या है PCOD
और इस महत्वपूर्ण समस्या पर जानकारी के लिए हमने प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार से खास बातचीत की तो जानिए क्या कुछ बताया इस समस्या के बारे में
PCOD क्या है?
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने बताया कि PCOD (पॉली सिस्टिक ओवरी डिजीज) एक आम महिला समस्या है, जिसमें अंडेदानी में बहुत सारे छोटे छोटे अंडे होते हैं। यह समस्या हर चार में से कम से कम एक महिला को होती है और इसका नाम सिस्टिक से गलत समझा नहीं जाना चाहिए। PCOD एकहार्मोनल डिजीज है, जिसमें शरीर में हार्मोन की असामान्यता या असंतुलन होता है, जिससे मोटापा बढ़ जाता है और अंडेदानी में सिस्ट होने लगते हैं।
पीसीओडी (PCOD)के लक्षण के क्या क्या हैं ?
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने बताया कि पीसीओडी के लक्षणों में अनियमित मासिक धर्म, चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल, मुंहासे, वजन बढ़ना और बालों का झड़ना और अन्य शारीरिक समस्याएं शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं में अंडाशय संबंधी समस्याएं, जैसे अंडाशय की वृद्धि, अंडाशय की विफलता और अंडाशय संबंधी सूजन भी हो सकती हैं। इसमें में आपको बात रही हूँ कि महिलाओं के हार्मोन एस्ट्रोजन पुरुषों के हार्मोन एंड्रोजन में थोड़ा सा कन्वर्ट होता है तो महिलाओं में पुरुषो जैसे लक्ष्णा आने लगते हैं खास तौर पर आवाज भारी होना और चेहरे पर अनचाहे बाल।
PCOD के कारण क्या हैं?
इस बारे में जानकारी देते हुए गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने बताया कि आजकल की खानपान में जो बदलाव आ गए हैं, जंक फूड खान पान में बढ़ गया है और फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है, जिससे मोटापा बढ़ जाता है और PCOD होता है। इसके अलावा जंक फ़ूड शरीर में पहुंचने से शरीर में हार्मोन की असामान्यता या असंतुलन होता है। जिससे PCOD होता है।
PCOD का इलाज क्या क्या हैं? और कितना महँगा है?
प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने बताया कि PCOD का इलाज हर एक औरत के लिए अलग-अलग होता है। अगर कोई छोटी लड़की है जिसकी माहवारी नहीं हो रही है और शादी नहीं हुई है, तो उसके लिए ट्रीट्मेंट उसकी माहवारी को नियमित करना है। अगर कोई लड़की है जिसकी शादी हो गई है और बच्चे नहीं रुक रहे हैं, तो उसके लिए ट्रीट्मेंट बच्चा रुकने के लिए होगा। PCOD की समस्या से समाधान पाने के लिए डॉक्टर को समय से दिखाना चाहिए। सर्जरी की तरफ कम रुख करना चाहिए।
हाँ PCOD से इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज बहुत आसान है ये मामले मेरे सामने बहुत आये हैं आप समय से जागरूक होकर इस समस्या का समाधान करते हुए प्रेग्नेंट हो सकती हैं।
पीसीओडी का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है जिनमें दवाइयाँ, एक्सरसाईज, और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना शामिल है। इसके अलावा, महिलाओं को अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और अपने लक्षणों के बारे में चर्चा करनी चाहिए।
पीसीओडी (PCOD) और डाइबिटीज की तुलना क्यों?
प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने बताया कि पीसीओडी को डाइबिटीज की तुलना में कम गंभीर माना जा सकता है, लेकिन दोनों ही समस्याएं महिलाओं को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, पीसीओडी के लक्षण और इलाज की आवश्यकता डाइबिटीज की तुलना में कम हो सकती है। पर एक बात दोनों समस्या में कॉमन है दोनों जीवनशैली से जुडी बीमारियां हैं और दोनों ही नियंत्रित की जा सकती है।
क्या PCOD आनुवंशिक बीमारी है?
इस बारे में जानकारी देते हुए गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने बताया कि अमूनन 5 से 10 प्रतिशत बीमारी आनुवंशिक रूप से बच्चों में चली जाती हैं। पर मैं फिर स्पष्ट कर रही हूँ ये कोई आनुवंशिक बीमारी नहीं बल्कि आपकी लाइफ स्टाइल से जुडी एक बीमारी है जो थोड़े से प्रयास और संतुलित जीवनशैली से ठीक हो सकती है।
पीसीओडी (PCOD) को रोकने के तरीके या बचाव क्या हैं?
प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने बताया कि पीसीओडी(PCOD) को रोकने के लिए कई तरीके हैं जिनमें नियमित खाना खाना, जंग फूड कम करना, एक्सरसाईज करना, और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना शामिल है। इसके अलावा कोई भी लक्षण या समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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