पीरियड्स में ज्यादा दर्द? सावधान! यह संकेत है किसी बड़ी बीमारी का

हर महीने महिलाओं को पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान कुछ हद तक असहजता या हल्का दर्द होना सामान्य माना जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि अगर यह दर्द बहुत अधिक, असहनीय, और बार-बार होता है, तो यह केवल "सामान्य" नहीं है? यह संकेत हो सकता है किसी गंभीर बीमारी का, जिसे नज़रअंदाज़ करना भविष्य में और बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को न्योता दे सकता है।
सामान्य दर्द और असामान्य दर्द में फर्क
सामान्य दर्द (Mild Cramps): हल्का खिंचाव या ऐंठन जो 1-2 दिन में खुद ही ठीक हो जाए और आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों में ज्यादा रुकावट न डाले।
असामान्य दर्द (Severe Cramps): इतना तेज़ दर्द कि आपको पेनकिलर लेना पड़े, काम या स्कूल छोड़ना पड़े, उल्टी, चक्कर, दस्त जैसी दिक्कतें भी साथ हों, तो ये सामान्य नहीं है।
किन बीमारियों का संकेत हो सकता है अत्यधिक पीरियड्स दर्द?
1. एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis)
यह स्थिति तब होती है जब यूट्रस की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) शरीर के अन्य हिस्सों में विकसित होने लगती है। यह असहनीय दर्द, भारी ब्लीडिंग और कभी-कभी बांझपन का कारण भी बन सकती है।
लक्षण:
बहुत तेज़ पीरियड्स दर्द
सेक्स के दौरान दर्द
कब्ज या दस्त
थकावट
2. फाइब्रॉइड्स (Fibroids)
ये गर्भाशय में विकसित होने वाले गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर होते हैं। ये पीरियड्स को दर्दनाक और अत्यधिक भारी बना सकते हैं।
लक्षण:
पेट में भारीपन
ज़्यादा ब्लीडिंग
पीठ या पैरों में दर्द
3. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID)
यह यौन संचारित संक्रमण के कारण गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब्स और ओवरीज़ में होने वाली सूजन होती है।
लक्षण:
लगातार निचले पेट में दर्द
बदबूदार वेजाइनल डिस्चार्ज
बुखार और थकावट
4. एडेनोमायोसिस (Adenomyosis)
इसमें एंडोमेट्रियल टिशू यूट्रस की मांसपेशियों में उग आता है, जिससे पीरियड्स के दौरान तीव्र दर्द और भारी रक्तस्राव होता है।
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
अगर निम्न में से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें:
पीरियड्स के समय असहनीय दर्द
7 दिन से ज्यादा ब्लीडिंग
क्लॉट्स (गाढ़े खून के थक्के) निकलना
पेनकिलर लेने के बाद भी आराम न मिलना
सेक्स के दौरान या बाद में दर्द होना
खुद का ख्याल रखें-नॉर्मल को नॉर्मल समझना सीखें
महिलाएं अक्सर पीरियड्स के दर्द को नजरअंदाज कर देती हैं, सोचती हैं कि "ये तो हर महीने होता है" या "सभी को होता है।" लेकिन यही सोच खतरनाक साबित हो सकती है। ज़रूरी है कि आप अपने शरीर के संकेतों को समझें और समय रहते डॉक्टर से परामर्श लें।
हर महिला की बॉडी अलग होती है और उसके अनुभव भी। लेकिन अगर पीरियड्स का दर्द आपकी ज़िंदगी की क्वालिटी को प्रभावित कर रहा है, तो यह समय है इसे गंभीरता से लेने का। सही डायग्नोसिस और समय पर इलाज से आप ना सिर्फ दर्द से राहत पा सकती हैं, बल्कि कई संभावित जटिलताओं से भी बच सकती हैं।
यदि आप या आपके आस-पास कोई महिला पीरियड्स के असहनीय दर्द से जूझ रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। एक बार डॉक्टर से सलाह लेना भविष्य में बड़ी परेशानी से बचा सकता है।
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