पूर्व सांसद एसटी हसन के इस बयान से राजनीतिक बयानबाजी शुरू

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सपा से पूर्व सांसद एसटी हसन अपने बयानो को लेकर सुर्खियों में है। हाल ही में उन्होंने कांवड़ियों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। अब उन्होंने उत्तराखंड के उत्तरकाशी और हिमाचल प्रदेश में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा को धार्मिक स्थलों पर हुई कार्यवाही से जोड़ दिया है। जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। वहीं समाजवादी पार्टी ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया है।
क्या बयान दिया-
डॉ. एसटी हसन ने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे मजहब का कोई सम्मान नहीं हो रहा है। चाहे मस्जिद हो, मंदिर हो या दरगाह, किसी भी धार्मिक स्थल पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए। भले ही खाली कराना हो, लेकिन ढहाना उचित नहीं है। इस दुनिया को चलाने वाला कोई और है, जब उसका इंसाफ होता है तो इंसान कहीं से भी नहीं बच सकता। उन्होंने साथ ही जंगलों की अंधाधुंध कटाई और पर्यावरणीय असंतुलन को भी आपदा की वजह बताया है। एसटी हसन ने कहा उत्तराखंड मे हुई घटना ह्रदयविदारक है, पूरे के पूरे गांव सफा हो गए जबकि इतनी बारिश भी नही हो रही थी। बड़े पैमाने पर जान मान का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा आखिर ऐसी घटनाएं क्यो हो रही है। बताते चले कि उत्तरकाशी आपदा में अब तक कई गांव बर्बाद हो चुके हैं, सैकड़ों लोग मलबे में दबे होने की आशंका है और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार, सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
राजनीतिक गलयारों में हलचल-
डॉ. एसटी हसन के बयान पर उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि कुछ लोगों का मकसद सिर्फ माहौल खराब करना है। यह दैवीय आपदा है, राजनीति का विषय नहीं। एस.टी. हसन अपनी टिकट की चिंता करें, सरकार की कार्यशैली की नहीं। अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने टिप्पणी की कि इतनी दुखद घड़ी में सपा नेता राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं, जो अनुचित है। बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा के नेताओं की आदत है हर घटना को जाति और मजहब से जोड़ना, जबकि प्राकृतिक आपदाएं पूरी मानवता के लिए समान होती हैं।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इसे मानसिक रूप से विकृत सोच करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी बातें नफरत फैलाती हैं। सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि यह एसटी हसन का निजी बयान हो सकता है। समाजवादी पार्टी उनके बयान का समर्थन नहीं करती है और ना ही उनके बयान के साथ है। हम उत्तराखंड सरकार से यह अपील भी करते हैं कि पुनर्वास के कार्य को जल्द शुरू किया जाए और मुआवजे को पीड़ित परिवारों को दिया जाए। समाजवादी पार्टी पीड़ितों के साथ खड़ी है।
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