वक्फ कानून को लेकर बिहार में सियासी बवाल...

वक्फ संशोधन विधेयक 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में पेश किया गया था। मैराथन चर्चा के बाद दोनों सदनों से पारित हुआ ये बिल अब कानून की शक्ल ले चुका है। 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद इस कानून के संदर्भ में गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया था। वक्फ बिल अब कानून बन चुका है लेकिन राजनीतिक दलों में इस पर वोटिंग को लेकर तूफान थमता नहीं दिख रहा। बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार के दल जनता दल (यूनाइटेड), जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) से लेकर विपक्षी बीजू जनता दल (बीजेडी) तक, वक्फ बिल पर वोटिंग को लेकर आंतरिक घमासान छिड़ा हुआ है। वक्फ बिल का समर्थन करने को लेकर नाराजगी चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के भीतर भी है। चिराग की पार्टी में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी अली आलम ने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

वक्फ बिल पारित होने के बाद जेडीयू में इस्तीफों की झड़ी लग गई थी. एक के बाद एक पांच नेताओं ने पद एवं पार्टी की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वालों में जेडीयू अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक, मोहम्मद कासिम अंसारी, तबरेज सिद्दीकी अली, नदीम अख्तर और राजू नैयर के नाम शामिल हैं। जेडीयू महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम रसूल बलियावी भी पार्टी छोड़ चुके हैं. एक के बाद एक इस्तीफों को फर्जी बताते हुए जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा था कि ये लोग पार्टी में किसी भी पद पर नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि जेडीयू वक्फ बिल के समर्थन में एकजुट है. जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने भी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एकजुटता का संदेश दिया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमएलसी गुलाम गौस और पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम जैसे नेता भी मौजूद थे जो वक्फ बिल का मुखर विरोध करते आए हैं. गुलाम गौस और अशफाक करीम प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद जरूर थे लेकिन कुछ कहा नहीं और बीच में ही उठकर चले भी गए. इसे वक्फ बिल को लेकर पार्टी में चल रही उथल-पुथल से जोड़कर देखा जा रहा है।

तेजस्वी बोले कूड़े में फेंक देंगे वक्फ बिल-

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा हमारी सरकार बनेगी तो इस विधेयक को कूड़े में फेंक देंगे इस विधेयक के विरुद्ध सदन से लेकर सड़क तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम कोर्ट की शरण में हैं। इससे पहले हमने एनआरसी का भी विरोध किया था। आरक्षण की लड़ाई में भी राजद कोर्ट गया है। तेजस्वी ने कहा कि वक्फ विधेयक असंवैधानिक है और इसमें संविधान के अनुच्छेद-26 का उल्लंघन किया गया है। आरएसएस और भाजपा का काम संविधान विरोधी है। अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए वे ऐसा कर रहे।

चिराग पर भी कसा तंज-

चिराग पासवान के बयान पर तेजस्वी ने कहा कि वे मीठा बोलते हैं और पीछे से छुरी मारते हैं। उनके पिता रामविलास पासवान ने गोधरा कांड के बाद त्यागपत्र दिया था या तो उस समय रामविलास गलत थे, या अभी चिराग गलत हैं। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने विधेयक का समर्थन किया है। इस पर तेजस्वी ने कहा कि उनकी अपनी राय हो सकती है। हमारी अपनी राय है।

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