"अलास्का की कहानी: रूस से अमेरिका तक और ट्रंप-पुतिन की ऐतिहासिक बैठक"

15 अगस्त 2025 को दुनिया की नजरें अलास्का पर टिकी रहेंगी। इस दिन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित होने वाली है। यह बैठक केवल वर्तमान वैश्विक राजनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसके पीछे अलास्का का ऐतिहासिक महत्व भी है।
अलास्का: रूस से अमेरिका तक की कहानी:अलास्का, जो आज अमेरिका का एक राज्य है, कभी रूस का हिस्सा था। 18वीं शताब्दी के मध्य में रूस ने इस क्षेत्र में समुद्री ऊदबिलाव की खाल के व्यापार के लिए रूसी-अमेरिकी कंपनी की स्थापना की थी। आर्थिक लाभ और रूढ़िवादी मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा देने की सोच ने रूस को इस क्षेत्र में रुचि लेने पर मजबूर किया।
लेकिन 1850 के दशक तक रूस की रुचि कम होने लगी। ऊदबिलाव की खाल के व्यापार में गिरावट, ब्रिटिश नौसैनिक शक्ति का बढ़ता प्रभाव और आक्रामक रणनीतिक चिंताएँ रूस को परेशान कर रही थीं। रूस को डर था कि अगर ब्रिटेन ने अलास्का पर हमला किया, तो उसे बचाया नहीं जा सकता। इन सभी कारणों ने रूस को अलास्का बेचने के निर्णय की ओर प्रेरित किया।
अमेरिका ने खरीदा अलास्का:30 मार्च 1867 को, अमेरिकी विदेश मंत्री विलियम एच. स्यूवर्ड और रूस के राजदूत एडुआर्ड डी स्टोकल के बीच वाशिंगटन, डी.सी. में समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत अमेरिका ने अलास्का को 7.2 मिलियन डॉलर में खरीदा। उस समय अमेरिकी जनता ने इसे "Seward's Folly" यानी स्यूवर्ड की मूर्खता कहा, क्योंकि यह बर्फीले और निर्जन क्षेत्र की खरीद लग रही थी।
लेकिन इतिहास ने इस निर्णय को सही साबित किया। अलास्का में पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधन, जैसे कि तेल, सोना और गैस, अमेरिका के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हुए।
15 अगस्त 2025 की बैठक: ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व:अलास्का में होने वाली ट्रंप-पुतिन की बैठक का चयन केवल कूटनीतिक प्रतीक के रूप में नहीं किया गया। यह क्षेत्र भू-रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस बैठक में यूक्रेन युद्ध, आर्कटिक में बढ़ती तनाव और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बैठक दोनों देशों के बीच संवाद को बढ़ाने और भविष्य में शांति स्थापना के प्रयासों का हिस्सा हो सकती है।
अलास्का की बिक्री और आज यहां होने वाली बैठक यह दर्शाती है कि इतिहास और वर्तमान राजनीति अक्सर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। एक समय जब इसे ‘बर्फीला और निर्जन’ माना गया था, आज यह क्षेत्र विश्व राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ट्रंप और पुतिन की इस बैठक से न केवल वैश्विक कूटनीति बल्कि इतिहास की धारा को भी समझने का अवसर मिलता है।
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