मंदिर बनाम मकबरा पर राजनीति तेज

सोमवार को फतेहपुर में मंदिर बनाम मकबरा विवाद पर अब राजनीतिक बयान बाजी शुरू हो गई है। इस मामले में सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रिजेश पाठक ने पलटवार किया है।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हुए मंदिर मकबरा विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है। अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि जब भाजपा की पोल खुलने लगती है तो वह आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों में लग जाती है। अखिलेश यादव के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार किया और सपा पर समाज को बांटने व माहौल खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी विजन “तुष्टिकरण किसी का नहीं, संतुष्टिकरण सबका” है। सरकार कानून-व्यवस्था व विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या है पूरा मामला-
दरअसल, फतेहपुर के अबूनगर रेडैइया में कथित अब्दुल समद के मकबरे को पर हिंदू संगठनों और भाजपा जिलाध्यक्ष के ऐलान के बाद सैकड़ों की भीड़ नारेबाजी करते हुए बैरिकेड तोड़कर परिसर में घुस गई, तोड़फोड़ की और ऊपर चढ़कर भगवा ध्वज फहरा दिया। भीड़ ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। इसके विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच कई बार नोकझोंक व झड़प हुई। आरोप है कि जब हिंदूवादी संगठन के लोग विरोधियों को खदेड़ने लगे थे तो पथराव शुरू हो गया। करीब पांच घंटे तक तनावपूर्ण माहौल बना रहा, जिसके बाद पुलिस और पीएसी ने लाठी फटकार कर भीड़ को तितर-बितर किया।
सपा पर हिंदू-मुस्लिम विवाद भड़काने का आरोप-
ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा बार-बार हिंदू-मुस्लिम विवाद को उकसाकर वोट बैंक साधने की कोशिश कर रही है। जबकि बीजेपी का उद्देश्य समाज को जोड़ना और कानून का राज कायम रखना है। डिप्टी सीएम ने शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ‘स्कूल चलो अभियान’ में इस साल 27 लाख से ज्यादा नए बच्चों का नामांकन हुआ। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ₹11,500 करोड़ के निवेश से 96% स्कूलों में पेयजल, टॉयलेट, बिजली, फर्नीचर, क्लासरूम मरम्मत जैसी 19 बुनियादी सुविधाएं दी गईं। अटल आवासीय विद्यालय योजना के तहत 18 मंडलों में विद्यालय शुरू हो चुके हैं, जहां 18,000 से अधिक श्रमिक और अनाथ बच्चों को मुफ्त आवासीय शिक्षा व स्किल ट्रेनिंग मिल रही है।
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