यूपी में धार्मिक स्थल को लेकर सियासत तेज, मौलाना सुफियान निजामी ने क्या कहा...

उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों मंदिर-मस्जिद, कांवड़ यात्रा के साथ सपा सांसद डिंपल यादव का मस्जिद में बिना सिर ढके हुए बैठने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। संसद के मानसून सत्र के बीच समाजवादी पार्टी के सांसदों की दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट मस्जिद में बैठक का मुद्दा दिल्ली-लखनऊ के राजनीतिक गलियारे से होता हुआ मौलानाओं के बीच तक पहुंच चुका है। एक तरफ सत्ताधारी पार्टी भाजपा इस मुद्दे पर लगातार हमलावर है तो दूसरी तरफ बीते दिनो मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के सिर न ढकने को लेकर जमकर हमला बोला था। इस बीज सपा सांसद डिंपल यादव का बचाव करते हुए मौलाना सुफियान निजामी ने मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा  कि डिंपल यादव मस्जिद में नमाज पढ़ने नहीं गई थीं। 

मस्जिद में बैठक को लेकर बढ़ा विवाद-

अखिलेश यादव ने सपा सांसदों के साथ बीते दिनों दिल्ली में संसद भवन के बगल वाली मस्जिद में कथित तौर पर बैठक की थी। इसको लेकर राजनीति गरमा गई है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के सिर न ढकने को लेकर जमकर हमला बोला। वही सत्ताधारी पार्टा भी इस मुद्दें पर लगातार हमलावर है।

मौलाना सुफियान निजामी ने क्या कहा-

दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मजहब-ए-इस्लाम में मस्जिद में जाने पर किसी मजहब को पाबंदी नहीं है। मस्जिद अल्लाह का घर है। बड़ी संख्या में अल्लाह के बंदे है। इसलिए, अल्लाह के बंदों को अल्लाह के घर में जाने से रोकना, यह किसी को भी हक नहीं है। लिहाजा शरई नुक्ते नजर से कोई भी कबाहत (दुसवारी) नहीं है। उन्होंने बताया कि तमाम मजहबी रहनुमा एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों पर जाते रहे हैं। सियासी रहनुमा भी जाते रहे हैं। राष्ट्रपति महोदया भी मस्जिद में जा चुकी है। पीएम मोदी भी कई मस्जिदों में जा चुके हैं। मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि इसलिए इसे किसी सियासी एजेंडे के तहत पेश करना किसी भी तरह से सही नहीं है। वहीं, सपा सांसद डिंपल यादव के मस्जिद में सिर न ढकने को लेकर मौलाना सुफियान ने कहा कि सिर पर पल्लू होना और न होना ये नमाज के लिए जरूरी है। डिंपल यादव नमाज पढ़ने के लिए नहीं गई थीं। जो नमाज पढ़ने जाएगा, वह सिर पर पल्लू रखेगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर कोई मस्जिद में जाएगा तो बैठककर हाल-चाल लेगा ही।

राजनीतिक बयानबाजी भी जारी-

मौलानाओं के बीच विवाद को तूल दिया ही जा रहा है। वहीं, राजनीतिक हमले भी लगातार जारी हैं। योगी सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने मस्जिद में सपा की बैठक विवाद पर शुक्रवार को बरेली में हमला बोला। उन्होंने कहा कि मस्जिद अल्लाह के इबादत की जगह है। इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझने वाले अब धार्मिक स्थलों को भी नहीं छोड़ रहे हैं।

धार्मिक स्थल पर बवाल, सपा ने भाजपा को घेरी था-

धार्मिक स्थल पर राजनीतिक जुटानों को लेकर बवाल मचता रहा है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई सीनियर नेता-मंत्रियों का आगमन हुआ था। उस समय अखिलेश यादव ने इसे भाजपा का कार्यक्रम बताते हुए इसका विरोध किया था। वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए थे।

महाकुंभ के आयोजन को लेकर भी अखिलेश यादव भाजपा और प्रदेश सरकार को घेरते रहे। आयोजन के राजनीतिक इस्तेमाल की बात कही। हालांकि, बाद में सपा अध्यक्ष ने त्रिवेणी संगम में स्नान भी किया था। अब मस्जिद में बैठक को लेकर भाजपा अखिलेश पर हमलावर है।

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