सकारात्मकता से जीवन का उद्धार

मनुष्य जन्म ईश्वर का सबसे बड़ा उपकार है और प्रत्येक प्राणी को इसके महत्व के अवलोकन करने की आवश्यकता है | जीवन को अगर सकारात्मकता के साथ अलंकृत किया जाए तो जीवन बहुत खूबसूरत है परन्तु अगर नकारात्मकता को स्थान दिया जाए तो जीवन एक बोझ सा लगने लगता है | आत्मा अजर अमर है और यह माटी का पुतला (शरीर) निमित्त मात्व है, यदि कुछ महत्व रखता है तो वो हैं इंसान के कर्म | आपके कर्म ही आपके जीवन को गति प्रदान करते हैं |
आज के आधुनिक युग में जहाँ संस्कार और प्रेम भाव विलुप्त होते जा रहें वहीँ नकारात्मकता का सर्जन भी चर्म पर है जिसके कारण मनुष्यों में द्वेष और घृणा की भावना का उदगम तेजी से हो रहा है | इंसान अपने लाभ के लिए किसी की हानि करने में एक बार भी नहीं सोचता जिसके कारण इस संसार में तो उस प्राणी को लाभ मिल जाता है परन्तु उसके कर्मो में नकारात्मकता का सर्जन हो जाता है जो उसके सम्पूर्ण जीवन पर प्रभाव डालती है | आज के युग में बेहद ज़रूरी है कि जीवन की हर एक कसौटी पर सकारात्मकता राखी जाए फिर चाहें लाभ मिले या हानि परन्तु खुश रहेगा प्राणी |
युवाओं को सकारात्मकता के महत्व को समझने की बहुत ज़रूरत है क्योंकि आज के आधुनिक युग में इंसान जितना महत्वाकांक्षी है उससे कहीं गुना अधिक अवसरवादी भी जिसके कारण जीवन में समय-समय पर उतार-चड़ाव देखने को मिल जाता है | आज युवाओं को हर छेत्र में संघर्षों से झूझना पड़ता है परन्तु अगर सकारात्मकता को हमेह्सा जीवन में रखा जाए तो जीवन के संघर्ष बहुत छोटे और मामूली से नज़र आएँगे | आज युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है - अपना नाम कमाना, समाज में सम्मान पाना, जीवन में प्रेमी/प्रेमिका का प्रेम पाना, एक बेहतर करियर लेकिन अगर देखा जाए तो यह सब मोह माया रुपी संसार कि वो रुकावटें है जो प्राणी को आगे नहीं बढ़ने देते बल्कि इस संसार में ही उलझा देते हैं और नकारात्मकता से गृहसित कर देते हैं | यदि आपके जीवन में सकारात्मकता है तो जिन्दगी की हर एक चुनौती आपको निमित्व मात्र नज़र आएगी और भगवत ज्ञान से आप हर तरफ सकारात्मकता का सर्जन कर पाएंगे जिससे जीवन का उद्धार और विश्व का कल्याण होगा |
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