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दुनिया का वो शापित आइलैंड, जहां जला दिए गए थे 1.60 लाख लोग

NEHA MISHRA

 

हमारी यें दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. इतिहास की हर एक चीज, हर एक जगह के पीछे उसका एक रहस्य होता है. जिसमें से कुछ रहस्यों का खुलासा इंसान कर चुका है और कुछ को जानने में लगा है. एक ऐसा ही रहस्य छुपा है इटली के एक द्वीप में, जहां पर जो भी गया वो जिंदा लौट कर कभी वापस नही आया. तो आइए जानते है कहानी इस रहस्यमयी द्वीप की...

mysterious italys poveglia island where 160000 people were burnt alive.  इटली का आईलैंड जहां 1 लाख 60 हज़ार लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था

यह रहस्यमयी द्वीप इटली के वेनिस शहर और लिडो के बीच वेनेशियन खाड़ी में स्थित है. कई लोगों ने इस द्वीप के रहस्य को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली. इस द्वीप पर आए दिन रहस्यमयी घटनाएं घटती हैं. जिसकी वजह से इस द्वीप की पूरी दुनिया में चर्चा होती है. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जो भी शख्स द्वीप पर गया, जिंदा लौटकर नहीं आया. इसी कारण इटली की सरकार ने इस रहस्यमयी द्वीप पर किसी के भी जाने पर रोक लगा दी है. 

इस आइलैंड पर है इंसानी हड्डियों का चूरा

इस द्वीप के बारें में कहा जाता है कि सैकड़ों सालों पहले इटली में प्लेग महामारी फैली हुई थी. इस महामारी ने खौफनाक रूप धारण कर लिया था. उस समय इस महामारी का कोई इलाज नहीं था. इसकी वजह से यहां की सरकार चिंतित थी. इटली सरकार को इस बीमारी के फैलने का डर था. जिसकी वजह से सरकार ने करीब 1 लाख 60 हजार लोगों को इस द्वीप पर जिंदा जलवा दिया था. उस घटना के बाद यहां पर काला बुखार नाम की बीमारी भी फैलने लगी. काला बुखार दूसरे लोगों में न फैलें इस लिए सरकार ने फैसला किया कि काला बुखार से मरे लोगों का शव भी इसी द्वीप पर दफना दिया जाएगा. तब से ही स्थानीय लोग इस द्वीप को शापित मानते हैं. लोगों का मानना है कि जिन लोगों को यहां पर जलाया और दफनाया गया था उनकी आत्मा आज भी इस द्वीप पर भटकती हैं. कई लोगों ने द्वीप पर डरावनी अवाजें भी सुनी है. साथ ही लोगों का मानना है कि इस द्वीप पर आत्माओं का वास है.

Poveglia Island - The Little House of Horrors

1922 में इस आइलैंड पर मेंटल हॉस्पिटल बनाया गया, लेकिन कुछ सालों बाद ही इसे बंद कर दिया गया. बताया जाता है कि अस्पताल के डॉक्टर्स और नर्सों को कई असामान्य चीजें नजर आने लगी थीं. वहीं, पागलखाने में भर्ती मरीजों को भी प्लेग के मरीजों के भूत दिखाई देते थे. मेंटल हॉस्पीटल के बंद होने के कई साल बाद तक ये आइलैंड दोबारा वीरान पड़ा रहा. इसके बाद इटली की सरकार ने 1960 में इसे प्राइवेट मालिक को बेच दिया. वह शख्स अपनी फैमिली के साथ कुछ ही दिन रहा, फिर इस जगह को छोड़ कर चला गया. इसके बाद एक दूसरे परिवार ने इसे हॉलिडे होम बनाने के लिए खरीदा, लेकिन वह भी यहां सिर्फ एक दिन टिक सके. कहा जाता है कि आइलैंड के मालिक की बेटी के मुंह को किसी ने काट दिया था, जिसे जोड़ने के लिए चौदह टांके लगाने पड़े थे. तब से ही इस आइलैंड पर जाना मना है. सरकार ने लोगों के जाने पर बैन लगाया है. सिर्फ शराब की फसल के समय पर ही लोग यहां जाते हैं. मछुआरे भी इसके पास मछली पकड़ने नहीं जाते. बताया जाता है उनके जाल में कई बार मरे इंसानों की हड्डियां फंस जाती हैं.

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