जन सुराज पार्टी ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी सूची, प्रशांत किशोर लड़ेंगे चुनाव?

बिहार की सियासत में बदलाव की एक और दस्तक, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरी सूची जारी कर दी है। 65 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के साथ पार्टी अब तक 116 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। लेकिन बड़ा सवाल अब भी बाकी है कि क्या प्रशांत किशोर खुद मैदान में उतरेंगे?
आपको बता दें 13 अक्टूबर 2025 को जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची जारी कर दी। इस लिस्ट में 65 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया। इस दौरान प्रशांत किशोर, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, और प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती भी मौजूद रहे।
लिस्ट में शामिल प्रमुख नामों में:
भागलपुर से -अभयकांत झा
बड़हरिया से -डॉ. शाहनवाज
शिवहर से -नीरज सिंह
नरकटिया से -लाल बाबू यादव
कल्याणपुर से -मंतोष सहनी
संदेश से -राजीव रंजन सिंह
बाजपट्टी से -आजम हुसैन अनवर
हरलाखी से -रत्नेश्वर ठाकुर
नरपतगंज से -जनार्दन यादव
इस्लामपुर से -तनुजा कुमारी
इसके पहले, 9 अक्टूबर को पहली लिस्ट जारी की गई थी जिसमें 51 प्रत्याशी शामिल थे। प्रमुख नामों में:
आर. के. मिश्रा (पूर्व IPS) -दरभंगा
वाई. वी. गिरि (वरिष्ठ अधिवक्ता) -मांझी
प्रो. के.सी. सिन्हा (पूर्व कुलपति) -कुम्हरार
रितेश पांडेय (भोजपुरी गायक) -करगहर
अब तक दोनों सूचियों में कुल 116 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित हो चुके हैं, जिनमें से 25 सीटें रिजर्व कैटेगरी की हैं। 11 अक्टूबर को प्रशांत किशोर ने राघोपुर से प्रचार अभियान की औपचारिक शुरुआत की थी। जनसभा में उन्होंने तेजस्वी यादव को खुली चुनौती देते हुए कहा मैं राघोपुर में तेजस्वी को वैसे हराऊंगा जैसे राहुल गांधी अमेठी में हारे थे।
हालांकि, दूसरी सूची में भी प्रशांत किशोर का नाम नहीं है, लेकिन राघोपुर सीट को खाली रखा गया है। इससे यह अटकल तेज हो गई है कि वे यहीं से चुनाव लड़ सकते हैं। सभा में पीके ने जनता से सवाल किया था आपके विधायक दो बार डिप्टी सीएम रहे हैं, क्या आप कभी अपनी समस्या लेकर उनके पास पहुंच पाए? इस पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया ने यह संकेत जरूर दिया कि तेजस्वी यादव की पकड़ कमजोर हो सकती है।
जन सुराज पार्टी अब 116 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है और अभियान भी तेज हो गया है। लेकिन सबसे बड़ी सियासी हलचल तब होगी, जब प्रशांत किशोर खुद चुनावी रण में उतरने की घोषणा करेंगे। क्या राघोपुर से इतिहास रचा जाएगा या यह सिर्फ एक सियासी रणनीति है? जवाब जल्द मिल सकता है, क्योंकि बिहार में चुनावी बिगुल पूरी तरह बज चुका है।
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