अर्पित शुक्ला: एक साहित्यिक सितारा जो प्रतापगढ़ का गौरव बढ़ा रहा है

प्रतापगढ़ : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ निवासी अर्पित शुक्ला, जिन्हें "अर्पित सर्वेश" के नाम से भी जाना जाता है, ने अपनी साहित्यिक उपलब्धियों से इतिहास रच दिया है।अर्पित की साहित्यिक यात्रा में अब तक 27 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से दो पुस्तकों में उन्होंने संकलनकर्ता के रूप में कार्य किया है। उनकी 150 से अधिक कविताएं भी प्रकाशित हो चुकी हैं। अर्पित की साहित्यिक सेवाओं को देखते हुए, उन्हें इंटरनेशनल आइकन अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, उन्हें नेशनल ऑथर अवॉर्ड, ब्रह्मर्षि सम्मान 2025, विश्वास सम्मान, और नेशनल यूथ पार्लियामेंट अवॉर्ड जैसे कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। अर्पित ने तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं जो उनकी साहित्यिक प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने 15 विदेशी भाषाओं में 21 साल की उम्र में एक दिन पुस्तक प्रकाशित करने वाले विश्व के पहले व्यक्ति बनकर एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा, उनकी कविता के लिए दूसरा विश्व रिकॉर्ड और कुर्दिश भाषा में पुस्तक प्रकाशित करने के लिए तीसरा विश्व रिकॉर्ड प्राप्त करना उनकी साहित्यिक प्रतिभा को और भी अधिक प्रमाणित करता है।
अर्पित ने अब तक 19 भाषाओं में अपनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं और उनकी साहित्यिक उपलब्धियों ने पूरे भारत देश का नाम विश्व भर में रोशन किया है। उन्हें "ऑल इंडिया एसोसिएशन फॉर ऑथर, आर्टिस्ट, एंड एजुकेशनल फोरम" द्वारा यूनिवर्सल इंडिया लीडरशिप अवॉर्ड का विजेता बनाया गया है, जो उनकी साहित्यिक सेवाओं को और भी अधिक मान्यता प्रदान करता है। अर्पित शुक्ला की साहित्यिक उपलब्धियों ने न सिर्फ अपने प्रतापगढ़ जिले का ही नाम नहीं रोशन किया है, बल्कि पूरे भारत देश का विश्व भर में नाम रोशन किया है। हमें उम्मीद है कि अर्पित अपने साहित्यिक योगदान से प्रतापगढ़ जिले और पूरे भारत देश का नाम विश्व भर में रोशन करते रहेंगे।
रिपोर्टर : रोहित जायसवाल
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