बैठना नया स्मोकिंग है', जानिए क्यों चेतावनी दे रहे हैं वैज्ञानिक

अगर आप घंटों एक ही जगह पर बैठकर काम करते हैं और किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो यह खतरनाक हो सकता है. यह दावा कई वैज्ञानिक रिसर्च और हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा किया गया है कि लंबे समय तक बैठे रहना (prolonged sitting), खासकर बिना किसी फिजिकल एक्टिविटी के, सेहत के लिए उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना कि धूम्रपान (smoking)।
रिसर्च में क्या सामने आया?
हृदय रोग और डायबिटीज़ का खतरा: लगातार बैठे रहने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज़ का रिस्क बढ़ता है।
मृत्यु दर में वृद्धि: कुछ स्टडीज़ के अनुसार, जो लोग प्रतिदिन 8-10 घंटे से ज़्यादा बैठते हैं और शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, उनमें समय से पहले मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
कैंसर का रिस्क: लंबे समय तक बैठने को कुछ प्रकार के कैंसर जैसे कोलन, ब्रेस्ट और एंडोमेट्रियल कैंसर से भी जोड़ा गया है।
"बैठना नया स्मोकिंग है" (Sitting is the new smoking) क्यों कहा जाता है?
यह वाक्य एक चेतावनी है जो इस बात पर ज़ोर देता है कि जैसे पहले धूम्रपान को जीवनशैली से जुड़ी गंभीर समस्या माना जाता था, वैसे ही अब बैठे रहना एक नया "silent killer" बन गया है।
यह तुलना इसलिए की जाती है ताकि लोग इसे हल्के में न लें और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं।
इससे बचने के उपाय:
हर 30-60 मिनट में उठें और 2-5 मिनट टहलें।
स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग करें।
सीढ़ियाँ चढ़ें, लिफ्ट से बचें।
स्क्रीन टाइम कम करें और एक्टिविटी बढ़ाएं।
रोज़ाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
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